प्राणायाम के लाभ | कपालभाती, भ्रामरी, भस्त्रिका के लाभ (Pranayam Ke Labh Kapalbhati, Bhramari, Bhastrika)

प्राणायाम के लाभ

कपालभाती, भ्रामरी, भस्त्रिका आदि प्राणायाम से आपका रक्त शुद्ध होता है शरीर में प्राण उर्जा अधिक बढती है जिसके शरीर में अधिक प्राण उर्जा होगी वो मनुष्य उतना ही बलवान निरोग और सुखी होगी।

प्राणायाम के सही लाभ वही व्येक्ती जान सकता है जो खुद रोज प्राणायाम करता है। आज संसार में फेफडे के रोग बढ रहे हैं। संसार में लाखो लाखो मनुष्य कमजोर प्रतिरोधक शमता के कारण साधारण रोगों से भी मर जाते हैं। लोगो के पास दुसरो की चुगली के लिए फ़ालतू की बातो के लिए अधिक समय है परन्तु उनसे ये कहो की आप रोज 2 घंटे प्राणायाम, ध्यान, व्यायाम के लिए निकालो तो वें बोलते हैं की उनके पास समय नहीं है। फिर यही मनुष्य भयंकर रोगों की चपेट में आटे हैं और कई दिन बीमार बिस्तर पर पडे रहते हैं।

कुछ और आयु बढने पर भिन भिन रोगों की दवा खाते हैं पूरी जिन्दगी दवा खाते हैं और अपना और अपने परिवार का जीवन नरक बनाते है। यदि ये लोग ठीक खाएं ठीक व्यायाम प्राणायाम करें तो आयु तो बढेगी ही साथ में इनके अपने भी सुखी रहेंगे और सबसे मुख्य बात अपना देश सवस्थ बलवान बनेगा।

प्राणायाम के लाभ (Pranayam Ke Labh)

आइए आपको पहले प्राणायाम के कुछ लाभ बताता हूँ फिर अलग अलग प्राणायाम के आपके शरीर पर क्या लाभ होते हैं ये बताऊंगा इन सबसे आपकी जिज्ञासा रूचि बढ़ेगी।

  1. जब आप प्राणायाम करते हैं तो आपके मन और शरीर की स्थिरता बढती है क्योकि प्राणायाम करते समय शरीर को बिना हिलाए प्राणायाम किये जाते हैं। एसा करने से मन की चंचलता कम होती हैैं। और मन स्थिर होने लगता हैै।
  1. प्राणायाम से आपके शरीर में जो वायु आती है और जब आप अपनी संकल्प शक्ति को उसके साथ जोड़ते हैं तो हर शण रोग शरीर से बाहार जाता है और आकश में फैली उर्जा शरीर में प्रवेश करती है।
  1. आपके मन की एकाग्रता बढने से ध्यान में विशेष उनत्ती होती है। और जब आप ध्यान में उनत्ती करते हैं तो अकेले ध्यान के दम पर आप अपना पूरा जीवन सुखमय बना सकते है।
  1. प्राणायाम से सांस के रोगों को दूर किया जा सकता है जैसे जल्दी सांस का चढ़ना या दमे की समस्या का यदि आप प्राणायाम को ठीक विधि से अपनाते हैं तो इससे अत्यधिक सांस के रोगों में लाभ मिलता है।
  1. दूषित रक्त के कारण त्वचा के रोग बढ़ते हैं। प्राणायाम से रक्त यानी खून साफ होता है। यदि आपके शरीर में रक्त ठीक से बनता है तो आखरी धातु वीर्य भी ठीक बनेगा फिर आप बलवान बनोगे। खून के शुद्ध होने से आप त्वचा के रोगों से भी बचे रहते हो या फिर ये जल्दी ठीक हो जाते हैं।
  1. प्राणायाम करने से आपके फेफड़े लचीले बनते हैं। अंदरूनी रूप से फेफड़े मजबूत बनते हैं। यदि आपके फेफड़े स्वस्थ होंगे तो आपकी आयु भी लंबी होगी।
  1. कब्ज आदि समस्या भी ठीक होती है प्राणायाम को करने से। यदि कोई व्यक्ति ठीक प्रकार से ठीक विधि से सांस लेने छोड़ने की अलग-अलग प्रकार की क्रिया करता है तो उसकी पाचन शक्ति भी बढ़ जाती है। यदि आपकी पाचन शक्ति सही है तो आप सुखी रोटी भी खाते हैं तो वह भी आपके शरीर में भली प्रकार लगेगी।
  1. प्राणायाम करने से आप बुद्धिमान बनते हैं। प्राणायाम करने से आप कई प्रकार से बुद्धिमान बनते हैं। जब आप प्राणायाम करते हैं तो शुद्ध वायु जो आपके शरीर में प्रवेश करती है वह आपकी बुद्धि की जड़ता को खत्म करती है नाड़ियों का शोधन करती है सफाई करती है। प्राणायाम करते समय जब आप बिना हिले डुले बैठते हैं और मन को एकाग्र करके रखते हैं तो इससे आपकी एकाग्रता बढ़ती है यानी आपके दिमाग की शक्ति का विकास होता है।
  1. प्राणायाम करने से कुंभक की अवस्था बढ़ती है। यदि आप ठीक प्रकार से प्राणायाम करें तो आप के फेफड़े शक्तिशाली बनेंगे जिससे आपकी कुंभक की अवस्था बढ़ने लगेगी। कुंभक का अर्थ है सांस को भीतर या बाहर अपने सामर्थ्य अनुसार रोककर रखना।
  1. कुंभक के व्यायाम अच्छी प्रकार से हो पाते हैं जो व्यक्ति कुंभक के व्यायाम करते हैं वह विशेष रूप से प्राणायाम का भी विशेष अभ्यास करते हैं। कुंभक के व्यायाम करने वाला यह बात भली प्रकार जानता है यदि वह प्राणायाम के माध्यम से अपने शरीर में शुद्ध वायु का अधिक प्रवेश करवा पाता है तो उसका शरीर कुंभक के व्यायाम करने से अत्यधिक बलवान बनने लगता है।

प्राणायाम के प्रकार और लाभ

आइए अब हम प्राणायाम के प्रकार और लाभ जानते हैं। प्राणायाम के 4 प्रकार हैं। महर्षि पतंजलि ने प्राणायाम के चार प्रकार बताए हैं। वैसे तो आज सांस की किसी भी क्रिया को लोग प्राणायाम कह देते हैं जो कि मात्र सांस का एक व्यायाम मात्र ही होता है। परन्तु ऋषि पतंजली ने 4 प्रकार के प्राणायाम योग दर्शन में बताए हैं।

प्राणायाम के 4 प्रकार क्या हैं?

महर्षि पतञ्जलि जी ने अपने ग्रंथ योगदर्शन में चार प्रकार के प्राणायाम बताये हैं।

  1. बाह्य प्राणायाम
  2. आभ्यन्तर प्राणायाम
  3. स्तम्भवृति प्राणायाम
  4. बाह्याभ्यन्तर विषयाक्षेपी प्राणायाम

इन 4 प्रकार के प्राणायाम के लाभ क्या हैं?

  • शरीर की नस नाड़ियों की शुद्धि होती है।
  • शरीर की चमक बढ़ती है और शरीर बलवान बनता है।
  • तुरंत ही मन वश में होने लगता है।
  • यम नियमों का पालन करते हुए लंबे समय तक प्राणायाम का अभ्यास करने से प्राण योगी के वश में हो जाते हैं।
  • प्राणायाम का अभ्यासी कई प्रकार के रोगों को केवल प्राणायाम से ही ठीक कर लेता है।
  • बाकी वह सभी लाभ मिलते हैं जो ऊपर आपको प्राणायाम के लाभ में बताए गए हैं।


भ्रामरी प्राणायाम के लाभ (Bhramari Pranayama Ke Labh)

भ्रामरी प्राणायाम क्रिया बहुत ही अच्छी क्रिया मानी जाती है। विशेष रूप से जो अपना बौद्धिक बल मस्तिष्क से संबंधित समस्याओं को दूर करना चाहते हैं। कान और आंख से संबंधित समस्याओं को दूर करना चाहते हैं भ्रामरी प्राणायाम उन सभी के लिए लाभदायक है आइए जानते हैं कि भ्रामरी प्राणायाम के लाभ क्या है।

  1. भ्रामरी प्राणायाम से दिमाग की नस नाड़ियों का अच्छा व्यायाम हो जाता है।
  1. जिन को लंबे समय तक सिर में दर्द रहा हो या सिर में दर्द रहता है इस प्राणायाम के अभ्यास से धीरे-धीरे सिर के दर्द का समाधान मिलने लगता है।
  1. भ्रामरी प्राणायाम को करने के बाद दिमाग में शांति सी महसूस होती है जिसका आनंद आप इस प्राणायाम को करने के बाद खुद ही जांच सकते हैं।
  1. आंखों की रोशनी बढ़ाने में भ्रामरी प्राणायाम काफी ज्यादा लाभदायक होता है।
  1. भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास कुछ देर करने पर आपको मन की शांति भी महसूस होती है। परंतु स्थाई शांति केवल और केवल ध्यान करने से ही मिलेगी।

त्रिबंध प्राणायाम के लाभ

  • पेट के रोगों के लिए बढ़िया है।
  • आंतों की मजबूती बढ़ाता है।
  • पाचन तंत्र मजबूत होता है।
  • रक्त का शोधन होता है रक्त शुद्ध होने से शरीर में बल बढ़ता है।


कपालभाति प्राणायाम के लाभ (Kapalbhati Pranayam Ke Labh)

आइए अब कुछ कपालभाति प्राणायाम के लाभ जान लेते हैं।

  1. चेहरे की चमक बढ़ती है।
  1. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है।
  1. खून साफ बनता है यानी रक्त विकार भी दूर होते हैं।
  1. शरीर में कहीं कुछ गाठें हैं तो उन्हें ठीक करने में सहायता मिलती है।
  1. कुंभक की अवस्था बढ़ती है।
  1. पेट से संबंधित कोई विकार कभी पैदा ही नहीं होगा यदि कोई कपालभाती करेगा तो।


भस्त्रिका प्राणायाम के लाभ (Bhastrika Pranayam Ke Labh)

  1. भस्त्रिका प्राणायाम करने से शरीर में गर्मी आती है।
  1. फेफड़े मजबूत होते हैं।
  1. जुखाम आदि ठीक होता है और जुखाम होने से बचाता है।
  1. कुंभक की अवस्था बढ़ाने में मदद मिलती है।
  1. खून साफ होता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है।

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निष्कर्ष

आज आपको प्राणायाम के काफी सारे लाभ इस लेख के माध्यम से बताएं हैं। यदि आपने इस लेख को ढंग से पढ़ा है तो आप में प्राणायाम को करने की सीखने की जिज्ञासा बढ़ गई होगी। अब आप प्राणायाम के लाभ लेने के लिए नियमित रूप से प्राणायाम जरूर करें।

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