श्रीमती भीखाजी कामा (मैडम कामा) (Madam Bhikaji Cama) – महान क्रन्तिकारी महिला

श्रीमती भीखाजी कामा (मैडम कामा)

श्रीमती भीखाजी कामा महान क्रन्तिकारी महिला
जन्म 24 सितंबर 1861
बॉम्बे, ब्रिटिश भारत
मृत्यु 13 अगस्त 1936 (आयु 74)
बॉम्बे, ब्रिटिश भारत
Madam Bhikaji Cama
कामा देवी श्रीमती भीखाजी  कामा (मैडम कामा) (Madam Bhikaji Cama) - महान क्रन्तिकारी महिला
तस्वीर विकिपीडिया से ली गई है

कामा देवी श्रीमती भीखाजी कामा (मैडम कामा) (Madam Bhikaji Cama) कामा देवी एक पारसी देवी थी यह पैरिस में वन्दे मातरम् नामक एक पत्र निकालती थी अमेरिका जर्मनी आदि देशों में ईसाई पादरियों द्वारा भारत के विषय में फैलाई गई झूठी बातों का निराकरण भी यह किया करती थी। दादा भाई नौरोजी की पार्लियामेंट का सदस्य चुनाव आने के लिए उन्होंने अथक परिश्रम किया था। बाद में होमरूल आंदोलन जोकि श्यामा जी द्वारा संचालित था में सम्मिलित हो गई। कुछ दिन के पश्चात जब अभिनव भारत का कार्य बड़ा तो आप इसकी सदस्य बन गई एक बार यह जर्मनी में अखिल जर्मन सोशलिस्ट सम्मेलन में सम्मिलित हुई सावरकर द्वारा निर्मित भारतीय राष्ट्रीय पताका झंडे को साथ लेती गई जब यह बोलने खड़ी हुई तो अपनी जेब से उस ध्वज को निकाल कर बोली यह है भारतीय राष्ट्र का स्वतंत्र झंडा यह देखिए फहरा रहा है।

भारतीय देशभक्तों के रक्त से यह पवित्र हो चुका है मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि आप लोग खड़े होकर भारत की स्वतंत्रता का अभिवादन करें श्रीमती कामा देवी के भाषण का बड़ा प्रभाव पड़ा और सभी ने टोपी उतारकर भारतीय ध्वज का आदर किया यह प्रथम अवसर था जब किसी भारतीय ने अपने राष्ट्र की स्वतंत्रत ध्वज को फहराने का साहस किया था।

मैडम कामा) (Madam Bhikaji Cama) – महान क्रन्तिकारी महिला

कामा देवी श्रीमती भीखाजी  कामा (मैडम कामा) (Madam Bhikaji Cama) - महान क्रन्तिकारी महिला मैडम कामा
श्रीमती कामा देवी जी के द्वारा फेहराया गया भारतीय ध्वज
इस चित्र को विकिपीडिया से लिया गया है

जब वीर सावरकर जी रोगी होकर इंग्लैंड से पेरिस गए थे श्रीमती कामा देवी के पास पैरिस में ठहरे थे इन्होंने माता के समान ही सावरकर की प्रेम पूर्वक सेवा की जिससे वे शीघ्र ही रोगमुक्त हो गए वीर सावरकर के लिखे हुए प्रसिद्ध ग्रंथ ” सन 57 का स्वतंत्रता संग्राममराठी भाषा की पांडुलिपि लंदन से श्रीमती कामा देवी के पास पैरिस में सुरक्षार्थ भेजी गई वीर सावरकर इस समय गिरफ्तार हो चुके थे।

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श्रीमती भीखाजी कामा (मैडम कामा) ने इस पांडू लिपि को ” जेवर bank of पेरिस” मैं सुरक्षित रख दी जर्मनी के आक्रमण सेना पैरिस बैंक ही नहीं रहा और ना श्रीमती कामा की मृत्यु से जेवर बैंक का खाता ही रहा बहुत खोज करने पर भी ऐसा कुछ पता नहीं चला और मराठी साहित्य का अमूल्य ग्रंथ देवी कामा की मृत्यु के साथ नष्ट हो गया।

दोस्तों यूट्यूब पर मैने श्रीमती भीखाजी कामा (मैडम कामा) के बारे में एक वीडियो देखी है यूट्यूब पर आप इसे भी देखिये

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1 thought on “श्रीमती भीखाजी कामा (मैडम कामा) (Madam Bhikaji Cama) – महान क्रन्तिकारी महिला”

  1. नमस्ते अमित भाई।
    कृपया विवाह संस्कार पर एक वीडियो बनाएं। आर्ष विधि से विवाह कैसे करें। वीडियो थोड़ा बड़ा हो और अच्छे से छोटी- बड़ी सभी जानकारी दे।
    धन्यवाद।

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