Swami Dayanand प्रचार करते हुए मथुरा पहुंच गए वहां पर लोगों को वैदिक धर्म की शिक्षा देने लगे यह बात कुछ पण्डो को अच्छी नहीं लगी क्योंकि ऋषि दयानंद पाखंड का हमेशा विरोध किया करते थे और लोगों को वेदों के रास्ते पर चलने की शिक्षा दिया करते थे वह लोगों को सच्ची शिक्षा दिया करते थे जिस कारण से पाखंडी पंडो का धंधा मंदा पड़ गया था। Rishi Dayanand Swami Dayanand
Swami Dayanand Saraswati In Hindi
पंडो ने एक चाल चाल चली उन्होंने सोचा क्यों ना ऋषि दयानंद को बदनाम कर दिया जाए तो उन्होंने एक वैश्या से संपर्क किया गुंडों ने वैश्या को बताया कि यहां पर एक दयानंद नाम का व्यक्ति आया हुआ है हमने उस को बदनाम करना है तुम कुछ ऐसा करो कि वह समाज की नजरों में बदनाम हो जाए तब उस वैश्या ने श्रृंगार किया और ऋषि दयानंद के पास पहुंच गई। Swami Dayanand
ऐसी पुस्तक जिसको पढ़ कर बड़े-बड़े मौलवी और पादरी बदल गए, आर्य (सनातनी या हिन्दू) हो गए. पुरे विश्व को आर्य बनाने का संकल्प दिलाने वाली यह पुस्तक महर्षि दयानंद सरस्वती जी की अनुपम कृति है.
उस समय ऋषि दयानंद यमुना के तट पर संध्या कर रहे थे वह समाधि में थे तब वैश्या ऋषि दयानंद के सम्मुख आकर बैठ गई और जब ऋषि दयानंद की समाधि टूटी तो जैसे ऋषि दयानंद ने आंखें खोली तो वैसे ही उस महिला को देखते ही ऋषि दयानंद बोले माता तुम यहां क्यों आई। यह बात सुनकर वह वेश्या फूट-फूट कर रोने लगी और उसने सारी बात जो पंडों ने उससे कही थी किस प्रकार दयानंद को बदनाम करना है यह सब बातें उसने ऋषि दयानंद को बता दी और कहने लगी कि मैंने तो कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि कोई मुझे इतना सात्विक शब्द माता कहकर पुकारेगा।
तब वेश्या ने कहा कि आज से तो मेरा जीवन ही बदल गया और मैं आज से यह धंधा धंधा बंद कर दूंगी।
Swami Dayanand Saraswati Social Reformer
तो देखा आपने एक योगी के संपर्क में आने से एक वैश्या का जीवन किस प्रकार बदल गया ऐसे होते हैं सच्चे योगी आज के जैसे पाखंडियों की तरह नहीं। इस छोटी सत्य घटना को यहां पर लिखने का मेरा उद्देश्य सिर्फ इतना ही है कि अधिक से अधिक लोग यह विचार करने में सक्षम हो सके जान सकें की सच्चे योगी कैसे होते हैं।
Manusmriti In Hindi
आख़िर में मैं आपको यही कहूंगा कि यम नियमो का पालन करते हुए गायत्री मंत्र या ओ३म का उच्चारण जरूर करें जिससे कि आप मोक्ष की तरफ आगे बढ़ सके क्योंकि मनुष्य का अंतिम लक्ष्य भी यही है हम इसीलिए बार-बार जन्म और मृत्यु में फंसे रहते हैं क्योंकि हम मोक्ष नहीं प्राप्त कर पाते हैं मोक्ष प्राप्त करेंगे तो हम इन सब दुखों से मुक्ति पा जाएंगे।
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ऐसी पुस्तक जिसको पढ़ कर बड़े-बड़े मौलवी और पादरी बदल गए, आर्य (सनातनी या हिन्दू) हो गए. पुरे विश्व को आर्य बनाने का संकल्प दिलाने वाली यह पुस्तक महर्षि दयानंद सरस्वती जी की अनुपम कृति है.

जय श्री राम
Jai aryavart Bhai Jai brahmcharya jeevan
Aakho Me Aasu Aa Gaya Lekh Padhke Ese Article Likhte Raho Sir
भाई नमस्ते !
मेरा भी जीवन आपके संपर्क में आकर बदल गया।
धन्यवाद !
Mene Rajiv Dixit Ji ka 1 vidiyo dekha usme unone kha he ke virya veg ko rok na nhi chahiye roknese hm bdi duvidhame pad skte h