ऊर्ध्व पद्मासन को करने का तरीका भी वही है जो शीर्षासन को करने का तरीका है लाभ भी एक जैसे है.
ऊर्ध्व पद्मासन को कैसे करें
शीर्षासन करके ऊपर ही पद्मासन लगाने से ‘ऊर्ध्व पद्मासन’ हो जाता है, यह विधि सरल है। इसकी दूसरी विधि यह है पहले भूमि पर बैठकर पद्मासन लगायें तत्पश्चात पद्मासन लगाये हुए ही शीर्षासन करें, अर्थात् सिर को कीसी वस्त्र पर रख और घुटनों को भूमि पर रखकर सिर के निकट करते हुए ग्रीवा को दृढ़ करते हुये पृष्ठभाग को ऊपर उठाएं ।
ऊर्ध्व पद्मासन के फायेदे लाभ क्या है
- इस आसन के करने से शरीर में स्फूर्ति आती है, घुटनों के दोष दूर होकर वे निर्दोष हो जाते हैं। यह आसन शीर्षासन का ही रूपान्तर है, अतः शेष लाभ उसके तुल्य ही हैं।
- ब्रह्मचर्य का पालन करने वालो के लिए अतिउत्तम आसान है
- मन की एकाग्रता बढती है
- आँखों की रौशनी बढती है
- मोटापा कम होता है
- कब्ज खतम होती है
- बाल काले होते है
- दिल मजबूत बनता है
- गर्दन की मश्पेशिया मजबूत बनती है
- रोग पर्तिरोधक शक्ति बढती है
ऊर्ध्व पद्मासन किसको नही करना
- जिनको उच्च रक्तचाप की समस्या हो वो ये आसन नही करें
- जिनकी कमर में या गर्दन में कोई समस्या हो वो ये नही करें
एल सलाह – दोस्तों आप किसी भी आसन को करने से पहले एक बार उसे किसी से सिख्लें अपने आमने सामने
शीर्षासन कैसे करते है और फाएदे यदि आपने ये लेख नही पढ़ा तो एक बार जरुर पढ़िए शीर्षासन से वीर्य रक्षा कैसे करें