Subah 4 Baje Uthne Ke Fayde | 4 बजे भोर में उठने से क्या होता है?

सुबह जल्दी उठने के फायदे

जो सुबह जल्दी उठता है उसे बल बुधि एकाग्रता अच्छा स्वास्थ्य लम्बी आयु प्राप्त होती है सुबह 3.30 से 5 बजे तक का समय अमृत के समान जानो जीवन बदलने वाले सुबह जल्दी उठा करते हैं

सुबह जल्दी उठने के फायदे दोस्तों इन शब्दों से आप जान ही गए होंगे कि इस लेख में आपको कितनी महत्वपूर्ण जानकारी मिलने वाली है मैं इसमें इतनी महत्वपूर्ण जानकारी आपको दूंगा कि आपको कहीं और यह जानकारी नहीं मिलेगी

देखे दोस्तों यह part-1 है ब्रह्मचार्य के साधन का पार्ट 1 है क्योंकि सबसे पहले हमें सुबह जल्दी उठना पड़ता है जो व्यक्ति ब्रह्मचार्य का पालन करना चाहता है और हमेशा निरोगी और स्वस्थ रहना चाहता है उसे प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में ही उठ जाना चाहिए अर्थात 3:30 बजे और 4:00 बजे तक उठ जाना चाहिए

यदि कोई व्यक्ति अपने आप को ब्रहाचारी कहता है तो उस व्यक्ति की परीक्षा करने का सबसे आसान और पहला साधन यह है कि वह सुबह 4:00 बजे के बाद में कभी सोता हुआ ना मिले।

सुबह जल्दी उठने के 10 फायदे (Subah Jaldi Uthne Ke 10 Fayde)

  • आप भी सुबह जल्दी उठने के 10 फाएदे जानकार इसे अपने जीवन में जरुर पालन करेंगे एसी मुझे आसा है तो जानते हैं 10 फाएदे।
  • सुबह 4 बजे तक उठजाने से पूरा दिन आपका शरीर हल्का बना रहता है।
  • पुरे दिन शरीर में फुर्ती बनी रहेगी थकावट जल्दी नहीं आएगी।
  • जब आप सुबह जल्दी उठने लगते हैं तो आपका रक्त शुद्ध होने लगता है जिससे रक्त के रोग आसानी से आक्रमण नहीं कर पाते।
  • यदि कोई सुबह जल्दी उठ कर ध्यान करे तो उसे बहुत ही अधिक सफलता मिलती है।
  • सुबह ब्रह्ममुहर्त में उठ कर ध्यान करने से आपकी बुद्धि का अच्छा विकास होता है जिससे पढने वाले बच्चो को लाभ होता है।
  • सुबह 3.30 बजे कोई शोर भी नहीं होता तो जो सुबह जल्दी उठकर पधाही करेगा तो उसे ज्यादा याद रहेगा और अधिक सफलता मिलेगी।
  • इस समय उर्जा का प्रवाह अधिक होता है जिसके कारण आपका पूरा शरीर उर्जा से भर जाता है।
  • यदि कोई रोगी सुबह जल्दी उठाना शुरू करदेगा तो वो देखेगा की उसके रोग दूर होने लगे हैं।
  • सुबह जल्दी उठकर प्राणायाम करने से आपकी प्राण शक्ति बढती है फेफडे अधिक मजबूत बनते हैं।
  • यदि कोई सुबह लम्बे गहरे सांस लेने छोड़ने की क्रिया के बाद कुंभक के व्यायाम करेगा तो और अच्छा स्वास्थ्य लाभ मिलेगा।

जरुर पढ़ें :- brahmacharya rules in hindi

सुबह जल्दी उठने का तरीका क्या है ? ( Subah Jaldi Uthne Ka Tarika)

अक्सर लोगो की समस्या ये है की वो कोशिश तो करते हैं सुबह जल्दी उठने की परन्तु वे सुबह की नींद नहीं त्याग पाते और ये पूछते हैं की सुबह जल्दी उठने का तरीका क्या है? तो आपको बताता हूँ की आपको क्या क्या करना होगा जीवन तो आपका बदलेगा ये पक्का है बस एक कदम आगे बढ़ो तो सही।

  • रात को देर से भोजन कभी नहीं करें।
  • हमेशा शाम को 6 बजे तक खाना खा लेना चाहिए हमेशा ध्यान रहे भूख लगे तो ही खाएं।
  • यदि रात को देर हो जाए खाना खाने में तो ठोस आहार ना लें बल्कि सूप बनाकर पीलें।
  • हरी मुंग का सूप या टमाटर का भी या और किसी अच्छी सब्जी का बना लें।
  • रात को सोने से 30 मिनट पहले हल्का गुण गुना दूध पियें।
  • रात को 10 बजे तक सोने के लिए लेट जाएं।
  • यदि नींद ना आए तो योग निंद्रा का अभ्यास करें जिससे नींद ना आने पर भी आप उर्जा से भर जाएँगे और नींद भी जरुर आएगा वो भी अच्छी।
  • सोने से पहले खुद से ये प्रण करें की सुबह 4 बजे उठेंगे और अलारम लगा कर सो जाएं और जैसे ही अलारम बजे तुरंत ताजे जल से आँखे धोलें।

बस एसा करने से आलस कम होगा और आप सुबह जल्दी उठने में सफल हो जाओगे

brahma muhurta ke labh


दोस्तों स्वामी ओमानंद जी ने एक पुस्तकब्रह्मचर्य के साधन लिखी थी तो इस पुस्तकों को 11 भाग में लिखा गया था तो 11 के 11 भाग मैं लेख के माध्यम से और वीडियो बनाकर आपके सामने ला दूंगा जिससे कि अधिक से अधिक व्यक्तियों तक ब्रह्मचार्य के बारे में अधिक से अधिक जानकारी विस्तार से पहुंचे और वह पूरा पूरा लाभ उठा पाए।

brahma muhurta time in the morning

ब्रह्मचारी हो या गृहस्थ जो भी जीवन में उन्नति करना चाहता है उसे सबसे पूर्व प्रातः उठने का ही अभ्यास करना चाहिए मनु महाराज ने प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर आवश्यक कर्तव्य कर्म करने का इस प्रकार विधान किया है।

brahma muhurta ka samay kya hota hai

ब्रह्म मुहूर्त में उठकर धर्म और अर्थ का चिंतन करना चाहिए अपने शरीर के क्लेशों और उनके कारणों पर विचार करना चाहिए और वेद के तत्वों का अध्ययन करना चाहिए।

सुबह जल्दी उठने के फायदे


  1. ऊर्ध्वरेता प्राणायाम वीर्य को अपने वश में करना सीखिए
  2. तुलसी और मरवे के पत्तों से पानी साफ करने का तरीका
  3. हिंदी कहानी गधे की मजार
  4. Hindu एक कैसे होगा
  5. योगी राज श्री कृष्ण की जय


सुबह जल्दी उठने के फायदे एक अन्य स्थान पर भी ऐसा ही लिखा है

आयु की रक्षा के लिए ब्रह्ममुहूर्त में उठने और शरीर की चिंताओं को छोड़कर सोच स्नानादि करके स्वस्थ चित्त होकर ईश्वर का ध्यान आदि नित्य कर्मों को करें प्रात काल उठने से मनुष्य स्वस्थ रहता है उसको रोग नहीं होता अतः निरोग शरीर अधिक वर्षों तक कार्य कर सकता है प्रात काल उठने के असंख्य लाभ शास्त्रकारों ने बतलाए हैं।

ब्रह्म मुहूर्त में क्या करना चाहिए? (Brahma Muhurta Me Kya Karna Chahiye)

सदा स्त्री-पुरुष 10:00 बजे सो जाएं और रात्रि के पिछले पहर वह 4:00 बजे उठकर प्रथम हृदय में परमेश्वर का चिंतन करके धर्म अर्थ का विचार करना और धर्म अर्थ के अनुष्ठान व उद्योग करने में यदि कभी पीड़ा भी हो तथापि धर्म युक्त काम ना छोड़ना चाहिए।

किंतु सदा निरंतर उद्योग करके व्यवहारिक और परमार्थिक कर्तव्य कर्म की सिद्धि के लिए ईश्वर उपासना भी करनी कि जिस परमेश्वर की कृपादृष्टि और सहाय से महाकठिन कार्य भी सुगमता से सिद्ध हो सके।

इसलिए प्रातः उठते ही सर्वप्रथम ओ३म या गायत्री मंत्र से भी ईश्वर की प्रार्थना करनी चाहिए यदि आपको गायत्री मन्त्र की सही विधि नहीं मालूम तो ये लेख पढ़िए ध्यान कैसे करें

इन मंत्रों का अर्थ विस्तार पूर्वक जप करने से अधिक लाभ होता है इनका अर्थ महर्षि दयानंद कृत संस्कार विधि के ग्रह आश्रम प्रकरण में देख लेना बहुत प्राचीन काल से अथवा यों कहिए आदि सृष्टि से प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में उठने का विधान है बाल्मीकि रामायण इसमें प्रमाण है।

राम और सीता जब पहर रात शेष रही तब वे उठे और नौकर चाकरों को सारे भवन को साफ कर सजाने की आज्ञा दी।
  1. क्या श्री कृष्ण जी की 16000 रानियां थी?
  2. प्राणायाम से कीजिये सभी समस्याओ का समाधान
  3. स्वप्नदोष आदी समस्या दूर भगाओ
  4. व्यायाम के लाभ ब्रह्मचर्य के साधन पार्ट4
  5. दांतों और मसूड़ों को मजबूत करने के उपाय


ब्रह्म मुहूर्त क्या होता है?

रात्रि के पश्चिमयाम व चौथे पहर का नाम ब्रह्ममुहूर्त है शास्त्रकारों ने इसी समय को अमृतवेला व देववेला भी कहा है यह ब्रह्म का अर्थात “ देवनदेवत्र” देवों के देव महादेव जिसका मुख्य और निज नाम ओ३म है के स्मरण करने का सर्वश्रेष्ठ समय है।

देव लोक अर्थात विद्वान इस मुहूर्त में बिरहा की भक्ति व भजन में रत रहते हैं और उस समय प्रेममय प्रभु अपने सच्चे श्रद्धालु भक्तों पर आनंद अमृत की वर्षा करते हैं।

ऐसा प्रतीत होता है कि देव पूजा अर्थात ईश्वर स्तुति प्रार्थना उपासना आदि सभी शुभ कार्यों के लिए ही ईश्वर ने इस उत्तम समय की रचना की है इस समय स्वभाव से ही पापी से पापी मनुष्य का भी ईश्वर भक्ति आदि शुभ कार्य में मन लगता है

असुरों में भी इस समय आसुरी वृत्ति का लोप हो जाता है राक्षसों में भी देवता बनने की प्रवृत्ति जागृत होती है इसलिए पशु-पक्षी आदि सभी प्राणी स्वभाव से ही प्रात: उठ जाते हैं नवजात बालक भी स्वयं में प्रातः उठकर हमें यह शिक्षा देता है कि प्रभु का यह पवित्र समय प्रमाद में पड कर सोने का नहीं है।

एक कवि ने अपने सुंदर शब्दों में कितना अच्छा लिखा है।

भोर भयो पक्षी गण बोले, उठो जन प्रभु गुण गाओ रे।
लखो प्रभात प्रकृति की शोभा बार-बार हर्षाओ र ।

प्रातः काल की संध्या जब तक नक्षत्र आकाश में रहे विधि पूर्वक करें और जब तक सूर्य का दर्शन ना हो गायत्री का अभ्यास जप करता रहे।

महर्षि मनु महाराज भी लिखते हैं

प्रातः काल की संध्या को गायत्री का जाप करता हुआ सूर्य दर्शन होने तक स्थिर होकर और सांयकाल की संध्या को नक्षत्र दर्शन ठीक ठीक होने तक बैठकर जाप करें।

इसीलिए प्राचीन काल में सभी भारतवासी इस पवित्र ब्रह्म मुहूर्त में ईश्वर चिंतन, योगाभ्यास ही करते थे। इस अमृतवेला का सदुपयोग करने के कारण ही प्राचीन ऋषि महर्षि अमर पद मोक्ष की प्राप्ति करते थे।

इसीलिए आज तक उनके यश और कीर्ति के गीत गाए जाते हैं जो प्रतिदिन बहुत प्रातः उठकर श्रद्धा पूर्वक ईश्वर का ध्यान करेगा वह देवमार्ग का पथिक बन कर मोक्ष पद को पाएगा। क्योंकि ब्रह्म मुहूर्त का समय इतना अच्छा होता है कि इस समय यम नियमों की स्वयं सिद्धि होती है।

परस्पर का व्यवहार ना होने से हिंसा करने का या असत्य बोलने का अवसर ही नहीं आता। स्वभाव से अहिंसा और सत्य का प्रसार होता है। चोर भी अपनी चोरी से निवृत्त होकर इससे पूर्व ही अपने स्थान पर चले जाते हैं

कामी पुरूष भी रात्रि में बहुत देर से ना सोने के कारण इस समय आलस्य प्रमाद में पड़े सोते व मक्खी मच्छर मारते रहते हैं अहिंसा, सत्य, असत्य, ब्रह्मचार्य आदि यम नियमो का स्वयं वातावरण होने से यह योगाभ्यास, ईश्वर भक्ति, का सर्वोत्तम समय है।

किसी कवि ने ठीक ही कहा है-

अमृतवेला जाग पवित्र हो कर आसन ले जमा।
ईश्वर के गुण धारण करके, समीप दिन दिन होता जा।
प्रीति प्राण आधार की अपना रंग जमायेगी।।
भक्ति कर भगवान की काम तेरे जो आएगी।
पाप भरी जो आत्मा निश दिन दीन धुलती  जाएगी।।

इसी प्रकार इसी भाव को एक अन्य कवि ने कितने सुंदर शब्दों में कहा-

भगवान भजन करने को जो प्रात: समय उठ जाता है।

आनंद की वर्षा होती है दुनिया में वह सुख पाता है।।


देर तक सोने का नुकसान

जो सूर्य उदय के पश्चात अथवा दिन में सोता है उस सोने वाले के तेज़ को उदय होता हुआ सूर्य हर लेता है जैसे अपने शत्रुओं के तेज को एक तेजस्वी पुरुष ले लेता है।

तेज व वर्चस उस शक्ति व गुण का नाम है जिसके कारण मनुष्य सब प्रकार के उन्नति करता है तेज़ तत्व का स्वभाव ही आगे बढ़ना है हम थोड़े से आलस्य के कारण केवल प्रात काल न उठकर उन्नति के मूल तत्व को खोकर सर्वथा तेज हीन हो रहे हैं।

कितने दुख और मूर्खता की बात है कि प्रातः काल का समय दिन का मूल्य बाल्यावस्था है जैसे बाल्यकाल में अच्छे व बुरे जैसे भी संस्कार डाल दिए जाते हैं उनका प्रभाव मरते समय तक रहता है संस्कारों की छाप अटल और अमिट है जो प्रातः काल की अमूल्य अमृतवेला को नष्ट कर देता है उसका संपूर्ण दिन ही नष्ट हो जाता है जैसे प्रातः काल बीतेगा वैसे ही संपूर्ण दिन की गति होगी।

जरुर पढ़ें :- प्रोफेसर राममूर्ति की जीवनी कलयुग का भीम Part1

Satyarth Prakash Pdf Download In Hindi

ब्रह्म मुहूर्त में उठने के फायदे

प्रातः काल उठने की बात छोटी सी दिखाई देती है किंतु इसका महत्व और फल बड़ा भारी है इसका अभ्यास पर्याप्त परिश्रम के पीछे पक्का होता है सदैव निरंतर नियम से प्रातः उठने वाले व्यक्ति बहुत थोड़ी संख्या में पाए जाते हैं।

किंतु महापुरुष बनने वाले ऐसे ही व्यक्ति होते हैं जैसे वृक्ष और भवन की जड़ और नीव भूमि में छुपी रहती है साधारणतया देखने वाले को इसका कोई महत्व नहीं प्रतीत होता किंतु मूल के अभाव में वृक्ष और नीव के बिना भवन टिक नहीं सकते इसी प्रकार प्रातः उठने का गुण छोटा सा दिखाई देता है किंतु यह अपने धारण करने वाले के जीवन को पवित्र और महान बना देता है।

इतने पर ऐसे भारी लाभप्रद गुण को कोई धारण ना करे तो उससे बढ़कर अभागा और कौन हो सकता है इस महत्व को प्रकट करने वाले महर्षि दयानंद जी के जीवन की एक घटना आती है घटना इस प्रकार है।

एक दिन एक पादरी और एक मिशनरी महिला ऋषि दयानन्द महाराज से मिलने आए उनसे महाराज ने कहा कि धन की अधिकता जाति की अवनति का कारण हुआ करती है जैसा कि वह आर्य जाति के पतन का कारण हुई और उदाहरण रूप से कहा कि इसी कारण से अंग्रेजों की दिनचर्या बिगड़ती जाती है

पहले हम जब सूर्योदय से पूर्व भ्रमण करने आया करते थे तो बहुत से अंग्रेज स्त्री पुरुषों को वायु सेवन करते देखते थे परंतु अब वह बहुत दिन गए उठते हैं इसलिए अब इनका राज्य नहीं रहेगा।

प्रातः काल ना उठने वाला मनुष्य स्वास्थ्य, आयु, बल, ब्रह्मचार्य, राजकाज सब कुछ खो बैठता है अतः प्रत्येक ब्रह्मचार्य प्रेमी तथा उनके चाहने वाले स्त्री-पुरुष को प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में ही उठना चाहिए।

🙏

निष्कर्ष

दोस्तों यह लेख सभी के फायदे के लिए लिखा है इसलिए इसको ज्यादा से ज्यादा शेयर करना मत भूलना यदि आप अपनी संस्कृति को बचाना चाहते हैं तो अपना यह छोटा सा प्रयास मात्र शेयर करना बिलकुल भी मत भूलना ताकि अधिक से अधिक युवक युवतियां सुबह उठने के महत्व को समझें और देश की उन्नति में अपना योगदान दें नमस्ते, ओ३म
सुबह जल्दी उठने के फायदे  brahma muhurta ke labh
ब्रह्मचर्य के साधन पार्ट 1 Free Pdf Download

7 thoughts on “Subah 4 Baje Uthne Ke Fayde | 4 बजे भोर में उठने से क्या होता है?”

Leave a Comment