सेंधा नमक Sendha Namak ही सर्वश्रेष्ठ नमक (लवण, सैंधव) है यह बात आज आपको यह लेख पूरा पढ़ने के बाद में समझ में आ जाएगी। वर्तमान में अनेकों प्रकार के नमक का जिक्र आता है आयुर्वेद शास्त्र में भी लवण के अनेक प्रकार के भेद माने जाते हैं जैसे सेंधा नमक, सांभर, समुद्र लवण, विड, सोवर्चल, और काला नमक आदि अनेक लवण व नमक के भेद है।
सेंधा नमक पहले भारत में खूब इस्तेमाल होता था परन्तु आज भारतवर्ष समेत दुनिया भर के कई देशों में यह जो समुद्र वाला सफेद आयोडीन वाला नमक लोग खाते हैं यह तो पूरा जहर है इससे तो सिर्फ और सिर्फ आपका रक्त दूषित होता है आपके शरीर का टेंपरेचर तापमान बढ़ता है तो यह समुद्री नमक तो तुरंत ही आपको छोड़ देना चाहिए।
खून से संबंधित कई प्रकार के रोग तो आपके यह सफेद समुद्र वाल नमक छोड़ देने पर ही खत्म हो जाते हैं।
सेंधा नमक क्या क्या है What Is Sendha Namak
आयुर्वेद शास्त्रों में लवण के नाम से सेंधव का ही ग्रहण होता है क्योंकि अनेक प्रकार के लवणों में Sendha Namak ही सर्वश्रेष्ठ माना जाता है और भोजन तथा औषधी के रूप में इसी का प्रयोग प्राचीन काल से चला आ रहा है संस्कृत भाषा में सेंधव लवण के अनेक नाम है।
Sendha Namak सेंधा नमक के अलग अलग नाम क्या है
सैंधवोछस्त्री शीतशिवं पाणिमन्थं च सिन्धुजम्। |
नाम – सैंधव |
शीतशिव |
पाणिमन्थ |
सिन्धुज |
ये सैंधा लवण के संस्कृत नाम हैं। सैंधव शब्द स्त्रीलिंग में नहीं होता। |
धन्वन्तरीय निषण्टु में सेंधा नमक के नाम
सैंधवं सिन्धुः सिन्धूतथ नादेयं.सिन्धुजं शिवम्॥ शुद्ध शीतशिवं चान्यन्मणिमन्थं शिलात्मकम् । ।२५।। अर्थात |
सेंधे लवण के नाम (1) सैंधव, |
(2) सिन्धु |
(3) सिन्धूत्थ |
(4) नादेय |
(5) सिन्धुज |
(6) शिव |
(7) शुद्ध |
(8) शीतशिव |
(9) मणिमन्थ |
(10) शिलात्मक |
राजनिधण्टु में सैंधव लवण के 9 नाम माने हैं। पथ्य और शिवात्मक दो अन्य नाम अधिक दिये हैं। |
अलग अलग भाषाओ में सेंधा नमक के अलग अलग नाम क्या है
भिन भाषाओ Sendha Namak Wiki | में सेंधा नमक के अलग अलग नाम |
Sendha Namak In Hindi हिन्दी | सैंधा नोन |
Bangla बंगला | सैंधव लवण |
Marathi मराठी | शेवें लोण |
Gujarati गुजराती | सिन्धा लुण |
Kanand कननड | सैंधव |
Telugu तेलगू | सिन्धु उपु |
Persian फारसी | नमक-ए-संग |
Arabic अरबी | मिलेह हिंदी |
Sendha Namak In English | Chloride of sodium |
sendha namak in tamil | பாறை உப்பு Pāṟai uppu |
Latin | Sodii Chloridum |
Sendha Namak Benefits सेंधा नमक के गुण क्या है
सैंधवं लवणं स्वांदू दीपनं पाचन लघु।
स्निग्धं रुच्यं हिमं वृष्यं नेत्र्य त्रिदोषहत् । । २२३ ।॥
Bhav Prakash भावप्रकाश निघंटु में हरीतक्यादि वर्ग में सैंधव लवण के गुण इस प्रकार लिखे हैं
गुण |
सैंधा नमक स्वादिष्ट |
अग्नि को प्रदीप्त करनेवाला |
पाचक |
हल्का |
स्निग्ध |
रुचिकारक |
शीतल |
वृष्य |
सूक्ष्म |
नेत्रों को हितकारी |
और तीनों दोषों वात, पित्त और कफ के विकारों को हरनेंवाला है। |
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धन्वन्तरीय निधण्टु में सेंधा नमक के गुण
धन्वन्तरीय निधण्टु में Sendha Namak के गुण इस प्रकार लिखे हैं-
गुण- सैन्धवं शिशिरं स्निग्ध॑ लघु स्वाद त्रिदोषजित।
हयं हन्नेत्ररोगष्त॑ ब्रणारोचकनाशनम् । । २३।।
सैन्धवं स्वादु चद्षुष्यं वृष्य॑ रोचनदीपनम् |
अविदाहि विबन्धष्नं सुखदं स्यात् त्रिदोषजिंत् | ।२७।।
अर्थ |
सैंधा लवण शीतल |
चिकना |
हल्का |
स्वादु और तीनों दोषों को जीतनेवाला है। |
हृदय तथा नेत्ररोगों को दूर करनेवाला है |
हृदय को शक्ति देनेवाला |
फोड़े-फुन्सियों और जख्मों को भरने और ठीक करनेवाला है। |
सैंधा नमक स्वादिष्ट |
चक्षुओं को हितकर |
बलदायक |
रुचिवर्धक और भोजन को पचानेवाला तथा जठराग्निको उद्दीप्त करनेवाला है। |
दाह विबन्ध कोष्ठबद्धता का नाशक और सुखदायक है और तीनों दोषों को जीतनेवाला है। |
राजनिघण्टु में सेंधा नमक के गुण निम्न प्रकार से लिखे हैं
गुण-सैन्धरवं लवण वृष्यं चक्षुष्यं रुचिं-दीपनम्।
त्रिदोषशमनं पूतं व्रणदोष-विबन्धजित्। । ३४ ।।
सैन्धवं दिविधं ज्ञेयं श्वेतं रक्तमिति क्रमात्। –
रस-वीर्य-विपाकेषु गुणाढ्यं पूतनं शिवम् । ३५ । ।
अर्थ |
सैंधा लवण शक्तिवर्धक |
चक्षुओं के लिए हितकारी रुचिवर्धक |
जठराग्नि को दीप्त करनेवालां |
तीनों दोषों को शान्त करनेवाला |
वर्णों को शुद्ध करनेवाला |
दोष़ों की शुद्धि करनेवाला कोष्ठबद्धता कब्ज को जीतनेवाला है। |
सैंधा लवण के दो भेद हैं- श्वेत और रक्त। रस-वीर्य विपाक में गुणकारी, पूतन-शुद्धि करनेवाला और कल्याणकारी है। इसका उचित मात्रा में सेवन करने से हानि नहीं होती। औषध तथा भोजन में प्रयुक्त होनेवाला सर्वश्रेष्ठ लवण सैंधव सैंधा नमक ही है।
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सेंधा नमक कैसे बनता है
Sendha Namak एक खनिज द्रव्य है। प्राचीनकाल से Sendha Namak बहुत व्यवहार और व्यापार होने से वणिक द्रव्य माना जाता है। यह श्वेत-सफेद कुछ लालिमायुक्त वर्ण में दिखाई देता है।
कोई-कोई Sendha Namak के सफेद और लाल भेदों से दो भेद मानते हैं। सफेद रंगवाले Sendha Namak को अधिक उत्तम मानते हैं। यह खनिज है। इसकी खानें भूमि के भीतर होती हैं, यह खोदकर निकाला जाता है। यह चमकदार पत्थर के रूप में एक दर्शक पदार्थ होता है और सब प्रकार के लवणों से यह उत्तम है।
Sendha Namak Ke Fayde सेंधा नमक के फायदे से इलाज
अब हम पेट के रोग को कैसे ठीक करे ये जानते है.
सेंधा नमक से उदर रोग का इलाज
मन्दाग्नि- शास्त्रों में जठराग्नि पाचनशक्ति का ही नाम है। यह चार प्रकार की होती है।
(१) मन्दाग्नि, (२) तीक्ष्णाग्नि (३) विषमाग्नि और (४) समाग्नि।
पाचनशक्ति कफ से मन्द, पित्त से तीक्ष्ण, वात से विषम और तीनों के समावस्था में रहने से जठराग्नि समावस्था में रहती है। मन्दाग्निवाले व्यक्ति को बहुत थोड़ा खाया हुआ अन्न भी बहुत ही कठिनता से पचता है। उबकाई आती हैं। मुख से लार गिरती हैं। जी घबराता है। सिर और पेट में भारीपन रहता है।
सभी उदररोगों के लिए सैंधा लवण अमृततुल्य है। जितने भी चूर्ण उदररोगों के लिए बनाये जाते हैं, प्राय: सभी में लवणों का प्रयोग होता है क्योंकि सैंधव लवण में दीपन पांचन की विशेष शक्ति होती है।
लवण लघु हल्का भी होता है। चरकशास्त्र में लवण रस की इस प्रकार प्रशंसा की है। तथा इस प्रकार गुण बताये हैं-
क्लेदनो दीपनएच्यावनएछेदनो भेदन:
तीक्ष्ट: सरो विकास्यध:स्रंस्यवकाशकरो वातहर: स्तम्भ-
संघातविधमन: सर्वरसप्रत्ययनीकभूत आस्यमास्रावयति, कंफ विष्यन्द्यती
अर्थात – लवणरस: पाचन, गिला करने वाला, छेदन , भेदन, रेचन, संधि जोड़ों के बन्धनों को खोलने वाला, काष्ठों में रुके हुए मलों को बिना पकाये निचे की और ले जानेवाला, वात और कफ को हरनेवाला होता है.
उदर रोग के लिए चूर्ण बनाने की विधि
(1) सैन्धवादि चूर्ण– सैन्धा लवण, चित्रक छाल, छिलका हरड़, लवड्ग, काली मिर्च, पीपल बड़ा, सुहागा श्वेत भुना हुआ, सौंठ, पिप्पलामूल, अजवायण, सौंफ और बच, सब एक-एक तोला (11 ग्राम के लगभग एक तोला होता है ) लेकर ।
कूट छानकर इक्कीस दिन तक इसे नीम्बू के रस में खरल करें। यह चूर्ण मन्दाग्नि की अचूक औषध है। उदररोगों की बहुत अच्छी औषध है।
मात्रा- (1) 1 माशे से 3 माशे तक उष्ण जल के साथ वा सौंफ के अर्क से सेवन करें। ( एक माशा 0.97 ग्राम होता है )
(2) वायु के कारण मन्दाग्नि हो तो उपरोक्त चूर्ण को गाय की खट्टी छाछ के साथ सेवन करने से सोने पर सुहागे का कार्य करेगा।
(3) वर्षा ऋतु में Sendha Namak एक तोला, हरड पांच तोले कूट छानकर उष्ण जल के साथ रात सुभ शाम लें मात्रा 6 माशे से एक तोला तक शक्ति अनुसार लेना चाहिए।
(4) भोजन से पहले 6 मासे अदरक सेंधा लवण लगाकर प्रतिदिन खाने से बुझी हुई जठराग्नि फिर से उद्दीप्त हो जाती है।
(5) सेंधा नमक 3 माशे, सोंठ 3 माशे मिलाकर गरम जल के साथ प्रतिदिन प्रयोग करने से मंदाग्नि रोग दूर हो जाता है
(6) सेंधा नमक एक पाव को 7 दिन नींबू रस से भावना देवें तथा 7 दिन अदरक के रस से भावना देवे मात्रा 3 माशे से से 6 मासे तक प्रात: सायं तथा भोजन में हरी सब्जी दाल में डालकर सेवन करने से मंदाग्नि रोग दूर हो जाता है।
(7) अजवाइन देसी 4 तोले Sendha Namak एक तोला अत्यंत बारीक पीस ले। मात्रा 3 माशे जल के साथ सुबह शाम सेवन करने से मंदाग्नि रोग दूर होगा।
(8) काला नमक 3 तोले काली मिर्च 3 तोले पीपल बड़ा 3 तोले सुहागा सफेद भुना हुआ डेड तोला इन सब को खूब बारीक पीस लें और 4 दिन नींबू के रस में खरल करें 4- 4 रत्ती की गोलियां बनाकर सुबह-शाम जल से सेवन करना चाहिए ऐसा करने से मंदाग्नि रोग दूर होकर खूब भूख बढ़ जाती है।
(9) सेंधा नमक 1 तोला, चित्रक छाल 1 तोला, अजवाइन 1 तोला, सोंठ एक तोला, काली मिर्च एक तोला, सबको खूब छान लें। एक माशा से 3 माशे तक गाय की दही की छाछ के साथ लेने से जठराग्नि के सब रोग दूर हो जाते हैं।
(10) हरड़ का छिलका एक छटांक , सेंधा नमक एक छटांक, इनको कपड़े से छान लें। मात्रा 3 माशे गर्म जल के साथ लेने हैं सब प्रकार की मंदाग्नि दूर होगी।
Sendha Namak सेंधा नमक के टोटके
काफी व्यक्ति सेंधा नमक के टोटके पूछते हैं देखिए ये टोटके जैसी कोई चीज नहीं होती इस अंधविश्वास से आप जितना जल्दी बाहर आएंगे आपका भला उतनी जल्दी होगा।
आप चाहे सेंधा नमक को अपने घर के किसी भी कोने में रखें या कुछ भी करें उससे आपका कोई भला नहीं होना सेंधा नमक रोग आदि को दूर करने के लिए है। टोटके आदि के लिए नही
सेंधा नमक का उपयोग किन वस्तुओं में करें
देखिए आप सब्जी बनाते हो या साधारण तौर पर आप सफेद नमक का जाहा ज़ाहा इस्तेमाल करते हैं आप वहां वहां सेंधा नमक का इस्तेमाल कर सकते हैं और इससे आपको अत्यधिक फायदा मिलेगा। लेकिन मात्रा हमेशा कम ही रहें.
सेंधा नमक की कीमत क्या है Sendha Namak Price
नमक अलग अलग स्थानों पर अलग अलग कीमत में मिलजाता है। साबुत सेंधा नमक की कीमत लगभग 30 रूप किलो के आस पास है ओर पिसे हुए सेंधा नमक की कीमत 60 रुपए के आस पास है।
मै आपको सलाह दूंगा कि आप पिसा हुआ सेंधा नमक ना खरीदे आप सिर्फ साबुत सेंधा नमक लाए जिसे कूट कर प्रयोग करे। साबुत सेंधा नमक आपको किसी भी पनसारी की दुकान पर मिल जाएगा।
सेंधा नमक काह पाया जाता है
दोस्तों सेंधा नमक की जो खाने हैं वह पाकिस्तान मैं है इसे लाहौरी नमक भी बोलते है। जब अपने देश के टुकड़े कर दिए गए तो वह सेंधा नमक की जो खान है वह भी पाकिस्तान में ही रह गई।
सावधानी, अब जो नमक में दोष हैं वह भी आपको बता देते हैं। लोग तो सवाद के कारण ही नमक का अधिक प्रयोग करते हैं उन्हें हानि लाभ की कोई चिंता नहीं। यथार्थ में चरक आदि शास्त्रों में लवण रस के ही लाभ बताए हैं वह सांभर आदि समुद्री लवण के नहीं।
लवण का अर्थ नमक का अर्थ हमेशा सैंधव नमक ही समझना चाहिए। यह सेंधा नमक भारत में बहुत ही कम मात्रा में होता है इसकी जो खाने हैं वह बटवारे के समय पाकिस्तान में ही रह गई थी यह हमारा दुर्भाग्य है।
लवण रस शरीर के लिए बहुत ही अधिक उपयोगी है इसी कारण भगवान ने लवण रस सबसे अधिक पदार्थों में उत्पन्न किया है लगभग सभी खाद्य पदार्थों में लवण रस पाया जाता है।
फल और सब्जियों में स्वाभाविक रूप से लवण रस व प्राकृतिक नमक अधिक पाया जाता है अतः कंदमूल फल शाक भाजी के खाने को स्वास्थ्य रक्षार्थ अधिक महत्व दिया है।
- मोटापा कम करने के घरेलु तरीके
- Neem एक फायदे अनेक जड से शिखर तक गुणों की खान
- तुलसी और मरवे के पत्तों से पानी साफ करने का तरीका
जो मनुष्य शाक भाजी नहीं खाते वह ज्यादातर रोगी देखे जाते हैं इसे स्वाभाविक लवण रस की प्रशंसा प्राचीन शास्त्र तथा आधुनिक वैध और डॉक्टर करते हैं जो भोजन में डालकर ऊपर से डालकर या बनावटी सांभर समुद्र आदि का नमक खाते हैं वह हानिकारक होता है।
वास्तव में हमारी आवश्यकता के अनुसार लवण रस हमें भोज्य पदार्थों से स्वता ही प्राप्त हो जाता है अतः यह आवश्यक नहीं कि भोजन पकाते समय उसमें लवण डाला जाए वह खाते समय ऊपर से डाला जाए लवण रस की प्रशंसा के कारण लोगों में नमक मिलाने तथा खाने की प्रथा भी बाढ़ के समान चल रही है यह अनावश्यक और हानिकारक है।
चटोरे और स्वादु लोग इस लवण के अधिक सेवन करने से बहुत अधिक हानि उठाते हैं इसलिए ऊपर से नमक डालकर या भोजन में पकाते समय नमक डालकर खाने की प्रथा को बंद करना ही हितकर है।
मैं अमित आर्य अब आपको अपना अनुभव भी बता देता हूं। दोस्तों मुझे कभी से ही हाई बीपी की समस्या रही थी। योग प्राणायाम करने से भी वह ठीक नहीं हो रही थी। परंतु मैंने सभी प्रकार का नमक बिल्कुल ही छोड़ दिया 1 महीने में ही हाई बीपी की वह समस्या बिल्कुल ठीक हो गई।
मैंने 6 महीने तक नमक खाया ही नहीं इसका लाभ यह हुआ कि शरीर में पूरा परिवर्तन आ गया रक्त शुद्ध हो गया। अब मैं सिर्फ भोजन में सेंधा नमक का ही प्रयोग करता हूं मेरे घर में सभी सिर्फ सेंधा नमक ही प्रयोग करते हैं।
सेंधा नमक में अनेकों गुण हैं जो कि आपको हानि नहीं पहुंचाते हैं। लेकिन नमक की मात्रा हमेशा कम ही रखनी चाहिए
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क्या Sendha Namak सेंधा नमक में आयोडीन होता है
बिलकुल सेंधा नमक में लगभग 100 प्रकार के गुण होते है इसमें आपको अपनी जरूरत के हिसाब के सारे गुण मिल जाते है.
Patanjali Sendha Namak
Sendha Namak Online
यदि आपको सेंध नमक अपने बाजार में ना मिले तो आप इसे ऑनलाइन भी मंगवा सकते है. पर कोशिश ये करना की साबुत ही नमक मंगवाओ.
नमस्ते जी,
किसी के रस की भवना देना।
२१दिन तक नीबु के रस के साथ खरल कैसे करना है
इन दोनों चीजों को समझाए
धन्यवाद्।हो सके समझने का प्रयास करें
sir, पिसे हुए सैंधा नमक का प्रयोग करने में क्या परेशानी है