आहार क्या है
आहार संतुलित पोषण आहार वह है जिससे आप अपने शरीर को वीर्यवान बलवान बनाते हैं यदि आप आहार के कुछ नियमो का पालन करें तो बलवान बनोगे स्वस्थ रहोगेै।
आहार के विषय में आज आप को संपूर्ण जानकारी यहां पर मिल जाएगी इसलेख को बड़ी गंभीरता से ध्यान पूर्वक पढ़ लेना क्योंकि यह लेख पढ़ने के बाद में आप खुद निर्णय कर पाएंगे कि आपको अपना स्वास्थ्य किस तरफ लेकर जाना है। और अभी किस तरफ लेकर जारहे है।
दोस्तों जैसा कि आप सभी व्यक्ति जानते होंगे जो यह हमारा शरीर है हमारी काया है यह पांच महाभूतों से मिलकर बना है वह पांच महाभूत कौन से हैं पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश। और जो ये 5 महाभूत हैं इनके द्वारा ही हमारे शरीर के अंदर दोष भी उत्पन्न होते हैं।
यदि कोई भी मनुष्य आहार सही ले रहा है निद्रा सही आती है, व्यायाम , प्राणायाम, ईश्वर भक्ति, ब्रह्मचर्य का पालन करता है वही सम्पूर्ण स्वास्थ्य को प्राप्त कर सकता है और ब्रह्मचर्य का पालन करता है तो उसके शरीर में वात पित्त और कफ यह तीनों के तीनों ही समान रूप से रहते हैं और हमारा शरीर स्वस्थ और बलवान बन जाता है।
इन जानकारियों का संतुलन बनाकर रखने से हमारा शरीर जो है वह पूरी जिंदगी बल कांति और पुष्टि देने वाला बन जाता है।
जैसे कि आप और हम सभी जानते ही हैं कि जो आहार है वही तो प्राण देता है समस्त प्राणियों में यदि आहार न मिले प्राणियों को तो उनके प्राण पखेरू तुरंत उड़ जाएंगे। और संसार में सभी व्यक्ति इस आहार के लिए ही तो दौड़-धूप करते हैं।
इस आहार को प्राप्त करने के लिए इतनी भागदौड़ करते हैं लेकिन फिर आहार के नाम पर आप कुछ भी खा लेते हैं तो यह तो आपका अपने साथ में खुद अपने साथ में अन्याय ही करना हुआ। और वास्तविकता तो दोस्तों यह है कि इस समय पूरा संसार पूरे संसार में जो आहार का चुनाव करना है एक समस्या बन गया है।
अब देखिए जो आहार है उसको वैज्ञानिकों ने अलग-अलग श्रेणियों में बांट दिया है। आहार द्रव्यों में जो प्रोटीन है कार्बोज है वसा है खनिज है जल है नमक है इन सभी के अंश का सही सही ज्ञान प्राप्त करके उचित आहार लेने की सलाह दी जाती है।
अब जो विटामिन है उनको भी अलग-अलग बांटा गया है जैसे विटामिन ए , बी, सी ,डी के रूप में अलग अलग विटामिन को बांटा गया है।
पहला सुख निरोगी काया और उसके लिए सही आहार सही निद्रा ब्रह्मचर्य पालन का पूरा पूरा ज्ञान होना आवश्यक है।
आहार क्या है? आहार की परिभाषा
जो द्रव्य आहार नली से होते हुए आमाशय में यानी कि पेट तक पहुंचता है उसे हम आहार कहते हैं। अब देखिए जो आहार आपने लिया है इसका उपयोग किस प्रकार होता है आखिर आहार से हमारा शरीर चलता कैसे हैं।
जो आहार हम खाते हैं उससे हमारे शरीर में 7 प्रकार की धातु का निर्माण होता है
- जो भोजन आपने किया है उससे पहले तो रस बनता है
- फिर रस से रक्त बनता है
- फिर मास बनता है
- मेद बनता है
- अस्थि बनता है
- मज्जा बनता है
- आखिर में वीर्य बनता है
जब इन सब का निर्माण होता है तो यह हमारे शरीर को पोषण देता है।
जो यह आखरी धातु वीर्य बना है इसको अधिकतर व्यक्ति नष्ट करते चले जाते हैं और फिर कुछ वर्षों के बाद में उनका जीवन नर्क जैसा हो जाता है। वैसे ब्रह्मचर्य के ऊपर मैंने कई वीडियो बनाई हुई हैं अपने यूट्यूब चैनल भारत योगी आप देख सकते हैं।
आहार कितने प्रकार के होते हैं (Aahar Kitne Prakar Ke Hote Hain)
आहार में द्रव्य और अद्रव ये दो प्रकार के मुख्य भेद हैं। | |
द्रव्य आहार क्या है? तरल आहार के नाम | दोस्तों द्रव्य आहार में पानी, दूध, लस्सी, गन्ना और फलों का रस, और शहद। |
अद्रव्य आहार क्या है? | अद्रव्य आहार वृक्ष पोधे कंदमूल आदि के द्वारा प्राप्त होता है। इसमें एक आहार ओर है जो कि राक्षश परवर्ती के व्यक्ति लेते है जिसे मांसाहार बोलते है। परंतु इस लेख में हम इस निम्न कोटी के दुष्टों के आहार मास मिट के बारे में बात नहीं करेंगे। क्योंकि मनुष्य शरीर मॉस खाने के लिए नही बना हे। और यदि कोई मासाहारी मेरा ये लेख पढ़ कर उछलता हो तो भाई आपसे ये बोलूँगा की कच्चा मॉस खाकर दिखाओ और केवल मॉस पर ही जीकर दिखाओे। |
आहार का सही समय क्या है
भोजन लेते समय हमें इस बात का खासकर ध्यान रखना आवश्यक है कि हम किस समय भोजन कर रहे हैं। क्योंकि जो गलत समय भोजन लेता है तो उसे अनेकों प्रकार के रोग स्वत: ही घेर लेते ह।
नाश्ते का सही समय | सुबह 7:00 का है इस समय आप दलिया आदि खा सकते हैं |
दोपहर का भोजन | सही समय 12:00 बजे तक का है। |
शाम का भोजन का सही समय | सूरज छिपने से पहले का यानी कि 6:00 बजे तक। |
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भोजन के नियम? ताकी कब्ज न हो
दोस्तों जो आहार आप खा रहे हैं यदि वह ठीक प्रकार से ना पचे तो आपको कब्ज होती है जिसके कारण आपको अनेकों समस्याएँ घेर लेती हैं तो कबज ना हो इसके लिए कुछ विशेष बातों का हमें ध्यान रखना चाहिए। जब आप भोजन करें तो उस एक निवाले को खूब चबा चबाकर खाएं गिनती में कहूं तो 40 बार एक निवाले को खूब चबा चबा कर खाएं फिर उसको निगले।
भोजन के साथ में जल कभी भी नहीं पीना चाहिए ऐसा करने से आपका भोजन पचेगा नहीं सड़ेगा,
तो भोजन के साथ में हम क्या पिए भोजन के साथ में आप लस्सी मट्ठा पी सकते हैं जो कि आपके भोजन को पचाने में अधिक महत्व देगा। खाना खाने के 1 घंटे बाद आप पानी पी सकते हैं।
आहार लेते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखें।
- भोजन हमेशा गर्म (पर ज्यादा गरम नहीं) और स्निग्ध (स्निग्ध का अर्थ है जो भोजन चिकनाई युक्त हो, जो भोजन प्रेम पूर्वक बनाया गया हो, शुद्ध तरीके से बनाया गया हो) ही करना चाहिए।
- भोजन लेते समय यह कार्य कभी ना करें जल्दी जल्दी भोजन ना करें, बात करते हुए भोजन ना करें हंसते हुए भोजन ना करें भोजन को शांत चित से बैठकर करना चाहिए। भोजन को कभी भी टेबल पर बैठकर या खड़े होकर नही करना चाहिए.
संतुलित आहार क्या है?
- जो आहार मात्रा पूर्वक लिया जाता हो।
- जो आपके स्वास्थ्य को खराब ना करता हो।
- आपकी आयु को बढ़ाए।
- जो ठीक प्रकार से पच जाए।
- जिसमें सभी जरूरी पोषक तत्वों की मात्रा सही हो।
- जो आपके बल को बढ़ाए और जो आसानी से पच जाए वहीं संतुलित आहार कहला सकता है।
आहार की प्रकर्ति कितने प्रकार की होती है?
आहार की पर्कारती 3 प्रकार की है
- सात्विक
- राजसिक
- तामसिक
सात्विक आहार क्या है? उनके नाम क्या है?
सात्विक आहार यह है
- दूध , दही , लस्सी, घी , खीर, नूनी घी
- फल , हरी सब्जियां, तोरी, घिया, जो
- गेहूं , जो ,मुंग, मोठ, ताजे फल,
- हरी पत्तो के शाक,
- काली तोरी,
- बादाम,
- चावल,
- मूंग,
- सेंधा नमक,
- वर्षा ऋतु का आकाशीय जल,
- जीवंती का शाक,
- देसी गौ माता का दूध,
- देसी गौ माता के दूध की दही,
- देसी गौमाता का घी,
- तिल का तेल,
- अदरक,
- अंगूर,
- देसी खांड,
- धागे वाली मिश्री,
- तोरी या रसदार अन्य सब्जियां यह सात्विक और यही श्रेष्ठ भोजन है।
राजसी आहार और उनके नाम क्या है?
रुक्ष, अधिक उष्ण, तीक्ष्ण, खट्टे, नमकीन, चर परे, जलन पैदा करने वाले
- सफ़ेद नमक,
- मिर्च हरी लाल सफ़ेद आदि,
- मसाला, हिंग,
- गाजर,
- चना,
- उड़द,
- करेला,
- सरसों,
- तेल में पके हुए पदार्थ,
- मॉस , मछली, अंड्डा ,
- शराब , काफी , चाये,
- रुक्ष ,
- भारी और देर से पचने वाले पदार्थ
तामसी आहार और उनके नाम क्या है
अपवित्र भोजन (यानी की गंदगी आदि में बनाया गया भोजन), बासी, झूठा भोजन, प्याज, लहसुन, ओर दुर्गन्ध युक्त आहार, कफ सिर्धि करने वाले आहार, मॉस मिट आदी.
अब आप निचे जो तस्वीर दी है उन्हें ध्यान से देखिये ये तस्वीरे स्वामी ओमानंद जी की पुस्तक ब्रह्मचर्य के साधन से ली है जिसमे स्वामी जी गीता के माध्यम से सात्विक, राजसिक , और तामसिक भोजन के बारे में बता रहे है. आप ध्यान पूर्वक इन्हें पढ़िए.
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तरल आहार क्या है
जो भोजन द्रव्य Liquid के रूप में होते है जिन्हें पीकर जिस आहार को पीने के रूप में ग्रहण किया जाता है उसे हम द्रव्य यानी की पेय आहार कहते हैं।
भोजन से पहले और बाद में क्या करे
भोजन से पहले हमेशा हमें स्नान करना चाहिए हमारे प्राचीन ऋषियों ने इसका विशेष महत्व बताया है। इसके पीछे का कारण यह है कि जब हम स्नान कर लेते हैं तो हमारी पाचन अग्नि तेज हो जाती है और हमारा शरीर भी स्वच्छ और मन भी शांत हो जाता है इस समय हम भोजन करते है तो वह जल्दी ही पच जाता है। और शरीर में लगता भी है. इसीलिए कभी भी एसा दिन ना हो जब आप स्नान न करै।
आप यदि गांवों में देखे तो आज भी बहुत से गांव वाले आप को एसे मिल जाएंगे कि वह बिना स्नान के भोजन करना पाप समझते हैं आज भी उनमें यह पुरानी परंपरा चली आ रही है कि हमें तो स्नान करने के बाद में ही भोजन करना है। परंतु आधुनिक शिक्षा ने आज के व्यक्तियों को पूरी तरह से बिगाड़ दिया है।
आज तो उठते ही बिस्तर पर ही चाये बिस्कुट ब्रेड आदि चाहिए लोगों को इसीलिए तो बीमार रहते हैं।
भोजन के बाद ये कार्य कभी ना करें
- भोजन के बाद पानी ना पिए,
- भोजन के बाद कठिन शारीरिक या कोई मानसिक कार्य कभी भी नहीं करना चाहिए
- दौड़ना आदि व्यायाम आदि करना हानिकारक होता है
- खाना खाने के बाद कभी भी गुस्सा ना करें
- यदि खाना खाने के बाद आप गुस्सा करेंगे तो आप का भोजन आसानी से नहीं पचेगा
- इसीलिए भोजन करने के बाद हमेशा खुश रहैं।
आहार चिकित्सा क्या है
आहार चिकित्सा उसे बोलते हैं जो खाने की सामग्री हम अपने भोजन में इस्तेमाल करते हैं उसी के द्वारा हम अपनी चिकित्सा कर पाते हैं तो उसे ही आहार चिकित्सा बोलते हैं चलिए कुछ उदाहरण से समझते हैं।
जुखाम में आहार चिकित्सा –
आपको जुखाम है तो इसकी आहार चिकित्सा यह है जो हल्दी होती है हल्दी का धुआं यदि आप नाक के द्वारा सूंघते हैं तो इससे आपका जो दिमाग है वह हल्का हो जाता और कफ जो है वह बाहर निकल जाता है और दूध में भी आप हल्दी को डालकर पी सकते हैं।
घाव में सूजन हो जाने पर चिकत्सा
कई बार चोट आदि लग जाने पर खून जम जाता है और उसमें दर्द होता है तो वहां पर हल्दी और चूने का लेप बनाकर लगा देना चाहिए।
अदरक से आहार चिकित्सा
यदि आपको खांसी है तो आप छोटा सा टुकड़ा लेकर अदरक का चूस सकते हैं ऐसा करने से खांसी में आराम लगता है या फिर आप आधा चम्मच अदरक का रस एक चम्मच शहद में मिलाकर उसे दिन में दो से तीन बार लें तो इससे खांसी ठीक हो जाती है।
तो दोस्तों इसी को बोलते हैं घरेलू चिकित्सा आहार चिकित्सा
योगी का आहार क्या है
एक योगी का आहार शुद्ध सात्विक होता है जो ऊपर हमने सातवी भोजन के बारे में बताया है वही योगी का आहार होता है और योगी का आहार ईश्वर का ध्यान भी होता है इसीलिए वह सदैव ईश्वर का स्मरण बनाए रखता है इश्वर को सही सही जानता है तभी उसकी उपासना ठीक प्रकार से कर पाता है।
मनुष्य का आहार क्या है
एक अच्छे मनुष्य का आहार वही होता है जो उसे बल और बुद्धि देता है शुद्ध सात्विक भोजन को हम मनुष्य का आहार कह सकते हैं मनुष्य का आहार केवल शाकाहार भोजन ही है क्योंकि हमारा शरीर शाकाहार भोजन करने के लिए ही बना है।
अब कुछ भाई यह कहेंगे कि नहीं मांसाहार के लिए बना है तो मेरा उनसे सवाल है कृपया कमेंट में उत्तर जरुर दीजिएगा यदि हमारा शरीर मांसाहार के लिए बना है तो हम कच्चा मांस क्यों नहीं पचा पाते यदि हमारा शरीर मांसाहार के लिए बना है तो हम केवल मांसाहार पर ही पूरी जिंदगी जीवित क्यों नहीं रह पाते हैं।
शेरा आदी दूसरे मांसाहारी जानवर के नुकीले बड़े बड़े दांत हैं जो कि किसी भी जानवर को चीर फाड़ देते हैं क्या आपके पास इतने नुकीले दांत हैं कि आप किसी गेंडे को यह हाथी को या किसी हिरण को अपने दांतो से मार दें । मित्रो जिद मत करो शाकाहार को ही अपनाओ आपभी शांति से जियो और दुसरे मासूम प्राणियों को भी जीने दो.
संतुलित आहार तालिका निबंध
संतुलित आहार वह है जिसमें सभी प्रकार के पोषक तत्वों की भरमार होती है वह सभी पदार्थ उसमें होते हैं जो कि हमारे शरीर के लिए उपयोगी है यानी कि वह संतुलित आहार हमें बीमार नहीं होने देता हमारे शरीर को किसी भी प्रकार की कमी नहीं होने देता उसी को हम संतुलित आहार बोलते हैं।
प्रतिदिन किस बच्चे पुरुष महिला को कितनी कैलोरी की जरूरत होती है तालिका
भारतीय चिकत्सा अनुसन्धान परिषद द्वारा प्रस्तुत कैलोरी तालिका
पुरुष कैलोरी तालिका | बैठकर काम करने वाले मध्यम श्रम का काम कठोर श्रम का काम | 2400 कैलोरी 2800 कैलोरी 3900 कैलोरी |
स्त्री कैलोरी तालिका | बैठकर काम करने वाली मध्यम श्रम का काम कठोर श्रम का काम गर्भावस्था (पांचवे महीने के शुरू से स्तनपान कराते हुए | 2000 कैलोरी 2300 कैलोरी 3000 कैलोरी 2300 कैलोरी 2700 कैलोरी |
बच्चे कैलोरी तालिका | 0 से 6 महीने | 120 कैलोरी प्रति किलोग्राम (भार के हिसाब से ) |
7 से 12 महीने | 100 कैलोरी प्रति किलोग्राम (भार के हिसाब से) | |
1 से 3 वर्ष | 1200 कैलोरी | |
4 से 5 वर्ष | 1500 कैलोरी | |
6 से 7 वर्ष | 1600 कैलोरी | |
7 से 9 वर्ष | 1800 कैलोरी | |
10 से 12 वर्ष | 2100 कैलोरी | |
किशोर संतुलित आहार तालिका | 13 से 15 वर्ष (लडके) | 2500 कैलोरी |
13 से 15 वर्ष (लड़कियां ) | 2100 कैलोरी | |
16 से 19 वर्ष (लडके ) | 3150 कैलोरी | |
16 से 19 वर्ष (लडकियाँ) | 2100 कैलोरी | |
संतुलित आहार की कमी से होने वाले रोग
कुपोषण के कारण शरीर की सारी क्रियाएं धीमी पड़ जाती है, शरीर का विकास भली प्रकार से नहीं हो पाता है चेहरा भी पीला पीला सा हो जाता है । यदि आप सही से आहार नहीं लेते हैं सही प्रकार से व्यायाम आदि नहीं करते हैं तो आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी घट जाती है सीधा सा मतलब कुपोषण को आसानी से आप ऐसे समझ सकते हैं कि आपकी जो रोगों से लड़ने की क्षमता वह भी खत्म हो जाती है और आप अनेकों रोगों से घिर जाते हैं और फिर जो जो समस्याएं आती है वह आप समझ सकते हैं।
वैसे भी इस देश में गायों को मार कर खाया जाता हो उस देश में कुपोषण तो फेलेगा ह।
दूध एक संतुलित आहार है
बिल्कुल दूध एक संतुलित आहार है लेकिन सिर्फ सिर्फ देसी गौ माता का दूध कोई भी व्यक्ति पूरी जिंदगी चाहे तो सिर्फ और सिर्फ दूध पीकर ही अपना जीवन जी सकता है और दूध पीकर वह स्वस्थ और बलवान बन सकता है साथ में उसे ब्रह्मचर्य का पालन करना होगा।
- देसी गौ माता के दूध में ही वह क्षमता है केवल इसे पीकर ही व्यक्ति पूरी जिंदगी स्वस्थ जीवन जी सकता है।
- लेकिन इस देश का दुर्भाग्य है कि यहां तो देशी गोवंश को काटा जाता है उसका मांस विदेशों में बेचने के लिए उसको खाने के लिए।
- इसीलिए ही तो भारत में मिलावटी दूध हो गया है और यहां पर छोटे-छोटे बच्चों को दूध नहीं मिल पाता है और स्त्री और पुरुष बच्चे कुपोषण का शिकार बन रहे हैं।
- फिर कुछ मुर्ख आते हैं और कहते हैं कि इनको मांस खिलाओ मांस खिलाने से कुपोषण खत्म हो जाएगा मांस खिलाने से क्या खाक कुपोषण खत्म होगा।
- मांसाहार के लिए तो भाई हमारा शरीर बना ही नहीं है तो खाने से कुपोषण को तुम कैसे खत्म करोगे क्या खाली मांस मीट खा कर पूरी जिंदगी किसी व्यक्ति को जीवित रख सकते हो क्या।
पर्याप्त आहार क्या है
वो भोजन जिसमे आपको जीने के लिए सब कुछ मिल जाता है.
प्राकृतिक आहार का संक्षेप में वर्णन
प्राकृतिक आहार जैसे कि नाम से ही स्पष्ट हो जाता है प्रकृति से मिलने वाला भोजन यानी कि शाकाहारी भोजन तो उसको थोड़े शब्दों में कहूं तो इसमें हम दालें, हरी सब्जियां, फल आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं,
स्वस्थ आहार
जो भोजन हमारे शरीर को स्वस्थ रहे उसे हम स्वस्थ आहार बोलते है जैसे – दूध , दही , लस्सी , पनीर, खीर ,चने , हरी सब्जियां ,फल आदि
आदर्श आहार क्या है
आदर्श आहार तो सिर्फ देसी गो माता का दूध और उसके दूध से बन्ने वाले पदार्थ ही हो सकते है
इस लेख से आपने क्या सिखा?
दोस्तों आज आपको भोजन से सम्बन्धित लगभग जानकारी मिली है यदि आपको ये लेख अच्छा लगा आपको इससे कुछ नया सिखने को मिला है तो आप इस लेख को शोशल मिडिया आदि पर साझा करें . ओ३म् नमस्ते जी
Bhaiya ji aap mansahar,andahar aur matasyahar ko rajsi aur tamsik bhojan mei na rakh ke kripya akhadya ki shreni mei rakhe.
ओ३म
जय राम जी
जय आर्यवर्त।
तामसिक राजसिक भोजन की आप की व्याख्या बिल्कुल गलत है तामसिक भोजन वह होता है जो हमारे खाने योग्य नहीं है और राज सात्विक भोजन वह होता है जो हमारे खाने योग्य है जो प्रभु परमात्मा ने मनुष्य के खाने के लिए बनाया गया है उसको सात्विक भोजन कहा जाता है जो आहार उसी अवस्था में जिस अवस्था में प्रभु ने हमारे खाने के लिए दिया है ,ग्रहण किया जा सकता हो। और तामसिक भोजन वह होता है जो प्रभु ने हमारे लिए नहीं बनाया है अर्थात हमें इस भोजन में कुछ ना कुछ परिवर्तन करने के लिए बाद अपने खाने योग्य बनाना होता है जैसे की दाल आटा चावल जिसको हमें गैस पर चढ़ाकर मसाले डालकर अपने खाने योग्य बनाना होता है उसी अवस्था में खाने योग्य नहीं है।अतः सात्विक ओर तामसिक के अंतर को समझे।
Meri umer 21 saal hai me mumbai me rehta hu..
Pichle 7 saal 6 mahine ka relation tha mera voh puri tarike se barbaad ho gaya.. voh mujhe chod kar kisi or k paas chalegai
Mujhe mansic traas hua hai bohat or mene saari shakti barbaad ki ..
Abhi mujhe desh dharm or manushya k liye kuch kar dikha na hai… par mujh me utni shakti nhi bachi
Abh me kya karu ?
Tum kuch bhi Kar saktay ho bas bhagwaan ki sharan Mai Jai Jai shree Krishna
भाई जो हुआ है वो सोचो मत अब सिर्फ भविष्य देखो सबसे पहले ब्रम्हचर्य का पालन करो और अपनी ताकत रिकवर करो और नजदिकी आर्य समाज मे संपर्क करो ऐक बात का ध्यान रखो बस तुम्हे रुकना नही है!