Freedom Fighters In Hindi Essay रोहतक में बम का कारखाना

Freedom Fighters of India क्रांतिकारियों का रोहतक में बम का कारखाना क्रांतिकारियों की बलिदान गाथा

जिस समय क्रांतिकारी वीरों ने अंग्रेज सरकार की नाक में दम कर रखा था और चारों तरफ गिरफ्तारीओं की धूम थी और अंग्रेजो के शिकारी कुत्ते क्रांतिकारियों की खोज निकालने के लिए सूंघते फिरते थे तो भी क्रांतिकारी वीर अपना सिर हथेली पर रखें अपने उद्देश्य की सफलता के लिए यह शपथ लेकर कार्य में जुट जाते थे कि हम देश सेवा में अपना सब कुछ न्योछावर कर देंगे। तन मन धन हमारा सभी कुछ देश के अर्पण होगा और अपने घर का मोह त्याग कर सिर धड़ की बाजी लगा रहे थे उसी समय की एक छोटी सी घटना आपके सम्मुख रखता हूं। Freedom Fighters of India

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क्रांतिकारी वीरो का त्याग पराकाष्ठा पर था वह सर्व प्रयत्न से ही यह चाहते थे कि हमारा देश स्वतंत्र हो शांति की क्रांति से काम ना चलता देख कर ही उन्होंने अस्त्र-शस्त्र द्वारा क्रांति का रास्ता अपनाया था जगह-जगह इन वीरों ने बम बनाने के कारखाने बनाए। Freedom Fighters Of India

Freedom Fighters of India In Hindi Essay

क्रांतिकारी वीर भगवती प्रसाद ने दिल्ली में बम बनाने की अपेक्षा अन्य छोटे शहर में बम बनाना अधिक अच्छा समझा क्योंकि वहां से सरकार को शीघ्र पता ना चल सकेगा यह विचार कर आप अपने पुराने परिचित नवयुवक वैद्य लेख राम जी के पास गए जो कि रोहतक में रहते थे इस कार्य में सहयोग देने के लिए वैध जी ने सहर्ष स्वीकृति दे दी। भगवती प्रसाद को अधिक कार्य रहता था अतः उन्होंने यह कार्य वीर यशपाल को सौंप दिया दिल्ली से सब आवश्यक सामान लेकर जसपाल जी रोहतक में वैध लेख राम जी के पास पहुंच गए वैद्य जी ने पहले से ही एक छोटा सा मकान इस कार्य के लिए ले लिया था और सर्वत्र यह प्रसिद्ध करा दिया था कि अब हम पारे इत्यादि के योग से रस भसम इत्यादि कीमती दवाइयां बनाया करेंगे।

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यहां आकर यशपाल बिल्कुल ग्रामीण व्यक्तियों की भांति ही रहने लगा और अपना नाम भी बदल लिया यशपाल ने अपना नाम किसना रख लिया। वैद्य जी की दुकान रोहतक के बीच बाजार में थी यशपाल प्रतिदिन प्रातः काल दुकान खोलता उसकी सफाई इत्यादि करता था और खाठ बिछाकर खरल लेकर दवाइयां घोटना प्रारंभ कर देता था और इमाम दस्ते में दवाइयां भी कूटता था। इस प्रकार कुछ दिन यही करम चलता रहा गर्मी का समय था वैद्य जी के पास सब काम करने वाला यही किसना ही था रोगियों की सेवा व आतिथ्य भी यही करता पंखा भी गर्मियों में प्राय यही चलाता था।

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इस प्रकार कार्य करते करते कुछ दिन बाद बम बनाने का कार्य प्रारंभ कर दिया बम बनाने के लिए एक तेजाब में शनै शनै दूसरी तेजाब मिलाते समय साथ साथ हीलाना भी पड़ता था। इसी प्रकार तीसरी तेजाब मिलानी पड़ती थी इनके मिलाते समय उनमें से पीले रंग का धुआं निकलता था बर्तन को छोड़ना भी हानिकारक था क्योंकि मिलाते समय चलाना आवश्यक था तेजाब के धुए ने यशपाल जी के तमाम वस्त्र ऐसे कर दिए कि जहां से पकड़ो वहीं से फट जाए। यह हाल हालत देख यशपाल लंगोट बांधने लगा और बाहर आने जाने के अन्य पुराने से वस्त्र रखने लगा कपड़ा ना पहने के कारण अब शरीर पर से तेजाब के प्रभाव से झुरी उतरने लगी परंतु कष्ट कोई विशेष नहीं होता था तेजाब के धुएं के कारण यशपाल को प्राय: खांसी, सिरदर्द, होता ही रहता था किंतु वह परवा ना करता था तेजाब के बर्तन आदि के साफ करने के कारण यशपाल के हाथ काटते थे और लाल लाल हो जाया करते थे रबर के दस्तानो का प्रयोग करने पर भी हाथों पर असर हो जाता था।

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वह प्रतिदिन प्रातः बम बनाने के मसाले का एक घान पकाने के लिए चढ़ा देता था इसे पकाने में 4 घंटे लग जाते थे पुन्हा इसे ठंडा करने के लिए 4 घंटे रखना पड़ता था इस समय में यशपाल दुकान पर जाकर दवाई कूटता पंखा चलाता किसी के आ जाने पर कुए से ताजा पानी लाता था 1 दिन वैद्य जी के किसी मित्र ने इसके हाथों में लाली देखकर पूछा तेरे हाथ लाल क्यों है यशपाल ने बड़ी दिनता पूर्वक उत्तर दिया सरकार जरा मेहंदी लगा ली थी। Freedom Fighters of India

‘’तब लेख राम जी कहने लगे देखो साले जनखे को औरतों कि भांति मेहंदी लगाता है’’

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यशपाल आगंतुकों के लिए पानी आर्य समाज के कुएं से लाता था वहां एक स्वामी जी रहते थे उनसे भी इसका संपर्क हो गया स्वामी जी भी कभी-कभी उससे जलादि मंगवाया करते थे इस प्रकार अनेक कष्ट सहता हुआ भी यह वीर कार्य में दृढ़ संकल्प लगा रहता था। freedom fighters in hindi essay

सांयकाल जब लेख राम जी घर जाते तो कुछ सामान कनस्तर ट्रंक या बोरी ब्यादि यशपाल के सिर पर रख कर ले जाया करते थे एक दिन इसी प्रकार वेध जी और यशपाल जा रहे थे तो रास्ते में वैध जी के एक मित्र मिल गए जो शोड़ा लेमन पी रहे थे। उसने वैद्य जी को भी एक शीशी देदी वैद्य जी ने यशपाल की और घुर कर पूछा क्यों बे किसना तू भी पिएगा सोडा? उसने उत्तर दिया पी लूंगा महाराज। freedom fighters in hindi essay

ऐ हैं? सोडा पिएगा ? बड़ा शौकीन है? साले कभी तेरे बाप ने भी पिया है सोडा? यह कहकर वैद्य जी ने 1 सीसी उसे दे दी वह सड़क पर ही कनस्तर रख कर खड़ा ही खड़ा सोडा पीने लगा तब वैध जी बोले देखो तो बैल की भांति खड़ा डकार रहा है बैठकर क्यों नहीं पीता तब उसे सड़क पर ही बैठ जाना पड़ा।

इतना ही नहीं उसको यदि कभी अखबार भी देखना होता तो छुपकर एकांत में पढ़ना पड़ता था क्योंकि रहस्य को छुपा कर रखना भी जरूरी था किसी को पता भी ना चले कि है पढ़ना भी जानता है इसलिए एकांत में पढ़ता था। एक बार वैद्य जी के एक मित्र ने इस अखबार पढ़ते देख लिया और कहा हरे कृष्णा तू पढ़ना भी जानता है? तब यशपाल ने कहा नहीं सरकार यूं ही मिथ्या किसी तस्वीर को दिखा कर मैं तो यह महात्मा गांधी की मूर्ति देख रहा था। वैध लेख राम यशपाल के खाने-पीने इत्यादि का विशेष प्रबंध करते रहते थे और उसे सब प्रकार की सुविधाएं देने का ध्यान रखते थे।

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बम बनाने का काम प्राय: समाप्त हो गया था। 1 दिन सांयकाल को शहर की पुलिस शहर में कुछ खोज कर रही थी तो लक्ष्मण दास जी ने जो उस समय कांग्रेस कमेटी के सेक्रेटरी थे वेद लेखराज जी को बताया कि पुलिस शहर में घूम रही है यह सुन कर वह जीता था यशपाल जी घबराए सोचा कहीं हमारा तो पता पुलिस को नहीं लग गया उसी रात को ग्रामीण भेष धारण करके यह दोनों उस मसाले को गठरी बांध कर दिल्ली चले गए। Freedom Fighters of India

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इस प्रकार रोहतक में भी इन क्रांतिकारी वीरों ने बम बनाने का स्थान बनाया और बम बनाए इन्हीं बमों का प्रयोग इन वीरों ने वायसराय को मारने के लिए उसकी स्पेशल रेल के नीचे दबाकर भी किया था। Freedom Fighters of India

देश की स्वतंत्रता के लिए इन वीरों ने कितने कष्ट सहे इसकी हम कल्पना भी नहीं कर पाते उन्हें आजादी के प्रधानों के अमर बलिदान का फल है जो आज हम स्वतंत्रता के आनंद में फूले नहीं समाते और सब राज्य का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। उन्हीं वीरों ने इस स्वराज्य रूपी वृक्ष को अपने रक्त रूपी जल से सीच कर बड़ा किया था इतिहास में उन वीरों का नाम सदा के लिए अमर रहेगा। Freedom Fighters of India

मूल लेखक – स्वामी ओमानंद जी

 इस विषय पर आप हमारी वीडियो भी देख सकते है

 

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2 thoughts on “Freedom Fighters In Hindi Essay रोहतक में बम का कारखाना”

  1. Namaste bhai,
    Aapse ek nivedan hai
    Aap jitne bhi bhai youtube ya anya social media par aarya dharm k bare me jankari de rahe ho, aap sabko bolo ki sab jagah sampark karne keliye apna email id de, jisse ye hoga ki koi aapko koi sujhav dena chahta ho ya aap logo se hi kuchh bat batana chahta ho to aasani se aap se sampark ho sake
    To kripya aap sab bhaiyo ko mera ye msg pahucha de, aur aap apna email id muje de
    Aur khas karke, rahul bhai, ankur bhai aur dusre jo bhi bhai bahen jo is kam me lage ho sab tak ye bat pahuncha de, aur ho sake to aap koi aisa manch banaye jis par aap sab ek sath aaye
    Dusri bhi bahot sari bate aapse aage share karunga

    Pranam
    Harish

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