Bhringraj Plant Hair Oil Powder Leaves Uses – Bhringraj आज हम जानते हैं एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी औषधि के बारे में। Bhringraj का आयुर्वेद में रसायन के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। आयुर्वेद में bhringraj को रसायन माना गया है। एक दिव्य औषधि माना गया है।
Bhringraj Plant का Oil (तेल) Leaves (पत्ते) सब कुछ बहुत ही फायेदे का होता है । शारीर में चाहे सुजन हो या घाव हो या बालो से सम्बन्धित कोई और समस्या हो । Bhringraj का Plant सारी समस्याओ को जड़ से खतम करता है
Bhringraj भारतवर्ष में पानी के किनारे सर्वत्र मिल जाता है। आज प्रदूषण के कारण अनेकों पौधे खत्म हो चुके हैं जहां जहां प्रदूषण युक्त जल है वहां वहां दूसरे पौधे पनप नहीं पाते हैं और देखने में आता है कि ऐसे स्थानों पर Bhringraj आसानी से उग जाता है।
Bhringraj को अलग-अलग भाषाओं में किस नाम से जाना जाता है।
Bhringraj | Name |
Sanskrit Name | भृंगराज, केशराज, केशरंजन |
Hindi Name | भृंगराज, भांगरा, भगरेया |
Gujarati Name | भांगरो, कालो , भांगरा, |
Marathi Name | भाका, बांगरा, भृंगराज |
Bengali Name | भीमराज, कोरियाई |
Tamil Name | Karisalankanni |
Latin Name | Trailinga Eclipta |
English Name | Eclipta, Alba |
ऐसा कहा जाता है आसानी से उपलब्ध होने वाला यह बहुत ही अच्छा औषधीय पौधा है। आज हम आपको bhringraj के कुछ गुणों से परिचय करवाते हैं। गुजरात आदि कई प्रांतों में लोग इसका नियमित रूप से सेवन करते हैं।
आंवला, भृंगराज, और मुलेठी इसका पाउडर करके इसको नियमित रूप से लेते हैं। ऐसा करने से बहुत सारी शारीरिक बीमारियां और जो असमय होने वाली परेशानियां है वह इससे रुक जाती हैं।
ऐसा देखा गया है आसाम के आदिवासी क्षेत्रों में बंगाल के उन क्षेत्रों में जहां पानी की बहुत ही अधिकता है वहां पर यह bhringraj plant पौधा अधिक मात्रा में होता है। मतलब आसानी से उग जाता है
पानी के कारण हाथ पैरों की खाल गलने पर क्या करें?
अक्सर आपने देखा होगा जिन व्यक्तियों का कार्य पानी में अधिक होता है तो पानी में अधिक कार्य करने के कारण हाथ पैरों की जो खाल है वह गल जाया करती है तो ऐसी अवस्था में भृंगराज बहुत ही अधिक फायदे का सिद्ध होता है।
प्रयोग कैसे करना है यह भी जान लीजिए आप भृंगराज के कुछ leaves पत्तियां ले लीजिए और उनको पीस लीजिए अब पीसने के बाद में इनका जो रस है उसे निकाल लीजिए अब इस रस को उन स्थानों पर कुछ दिनों के लिए लगाएं जहां जहां खाल गल चुकी है इसका फायदा यह होगा कि आपकी हाथ पैरों की खाल का गलना रुक जाएगा बंद हो जाएगा और इसके कारण यदि कहीं कोई घाव है तो वह भी जो है ठीक हो जाएंगे।
मधुमेह के रोग में भृंगराज का प्रयोग
भृंगराज का एक काफी अच्छा लाभ है उन व्यक्तियों के लिए जो डायबिटीज मधुमेह रोग से पीड़ित हैं आपने देखा होगा जिनको शुगर है उनको यदि चोट लग जाती है कहीं पर भी शरीर में घाव हो जाता है और वो जल्दी भरता नही है
तो आप भृंगराज की जो हरी ताजी leaves पत्तियां हैं उनको तोड़ करके इनका रस निकाल लीजिए और इस रस को लगाइए लगाने की विधि यह हैं आप रस को निकाल लीजिए और रूई से उस रस को घाव आदि पर लगाइए तो रोगी का घाव भरना शुरू हो जाता है।
यह प्रयोग आचार्य बालकिशन जी ने हजारों रोगियों पर करके देखा है जिससे काफी अधिक लाभ मिला है।
जो शुगर के मरीज हैं उनके लिए सबसे बड़ी समस्या यही होती है यदि कहीं गिर जाते हैं चोट लग जाती है तो घाव भरता नहीं है जिसके कारण अनेक रोगियों के उन गांव के कारण उन हिस्सों को काटना पड़ता है।
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गुम चोट का इलाज
यदि आपके शरीर में कहीं पर भी गुम चोट लग जाती है यानी कि शरीर के अंदर खाल के अंदर चोट लग जाती है और वहां पर दर्द होता है सूजन भी आ जाती है तो आपको करना क्या है बस इतना करना है कि भृंगराज को पीस लेना है ।
फिर इसे थोड़ा सा गर्म कर लेना है और रूई पर लगाकर उस चोट वाली गुम चोट वाले स्थान पर आप इसे बांध लेंगे तो ऐसा करने से आपकी गुम चोट की सूजन भी उतर जाएगी चाहे वह किसी भी प्रकार की सूजन आ रही हो इसीलिए भृंगराज एक बहुत ही अच्छी औषधि माना जाता है।
बालों के लिए अमृत तुल्य है भृंगराज Hair Oil
पतंजलि का जो दिव्य केश तेल Hair Oil आता है उसमें भी भृंगराज की काफी अधिक मात्रा डाली गई है। भृंगराज जो है बालों के रोगों के लिए बहुत ही अधिक रामबाण औषधि है आंवला रीठा शिकाकाई भृंगराज इनका powder पाउडर बना लीजिए।
अब इस powder में से कुछ हिस्सा लोहे की कढ़ाई में डालकर उसमें थोड़ा पानी मिलाकर इसको लेप जैसा बना लें और फिर इसको अपने बालों में अपने सिर में अच्छी प्रकार से जड़ों में मालिश करें जड़ों में लगाएं और फिर कुछ समय बाद आप अपने बालों को धो लीजिए ऐसा करने से आपके जो बाल हैं वह सुंदर बनेंगे मजबूत बनेंगे।
दांत दर्द में भृंगराज का अद्भुत प्रयोग
यदि आपके दांत में दर्द रहता है तो भृंगराज का यह प्रयोग इसे ठीक कर सकता है । और यह प्रयोग भी बड़ा अद्भुत है
दांत दर्द में प्रयोग की विधि
भृंगराज के पत्तों का रस आपको निकाल लेना है। अब आपको यह देखना है कि आपके कौन सी तरफ के दांत में दर्द है किस हिस्से वाले दांत में दर्द है मतलब सीधे वाले हिस्से में या उलटे वाले हिस्से में।
मान लीजिए आपके उल्टे हिस्से वाले दांत में दर्द हो रहा है तो आप भृंगराज की 4 बूंद सीधे वाले कान में डाल दें । मतलब विपरीत दिशा वाले कान में डालना है रस। ऐसा करने से दांतों का दर्द ठीक होता है।
ओर जिनके कानों में इंफेक्शन है तो उसमे भी ये फायदा करता है। कान के रोगों में भी यह आपको लाभ देती है।
आंखें दुखती हो तो करें भृंगराज का प्रयोग
आपकी आंखें दुखती हैं या कोई इंफेक्शन हो गया है तो उसके लिए आप भृंगराज के पत्तों का रस निकालकर आंखों में डाल सकते हैं। यह पौधा कोई हानि नहीं पहुंचाता है ना ही यह विषैला प्रकृति का है इसके फायदे बहुत हैं और हर जगह उग जाता है।
सावधानी– किसी भी औषधीय पौधे का प्रयोग करने से पहले सावधानी हमें यह रखनी होती है बल्कि यह सावधानी औषधीय पौधे में नहीं बल्कि हर उस खाने वाली चीज में है जो हमारे शरीर के भीतर जाती है हमें हमेशा औषधीय पौधा उसी स्थान का प्रयोग करना चाहिए जो कि साफ-सुथरी स्थान पर उत्पन हुआ हो गंदे नाले के पास में ना हो मल मूत्र के द्वारा उत्पन्न ना हुआ हो सिर्फ साफ सुथरी जगह पर जो भी ओषधि या अनाज उत्पन्न होता है वही हमारे सेवन योग्य होता है।
आप इस विषय पर आचार्य बालकिशन जी की ये वीडियो भी देख सकते है