राम प्रसाद बिस्मिल जी की जीवनी आत्मकथा, निबंध, कविता , नारा, जयंती, विचार, काकोरी कार्यवाही, (Pdf )
राम प्रसाद बिस्मिल जी का जन्म सन 1897 में हुआ था और सन 1927 में वह अपने जीवन का बलिदान कर गए इस जनम भूमि भारतवर्ष के लिए यानी कुल उन्होंने 30 वर्ष की उम्र ही पाई।
जिनमें 11 वर्ष क्रांतिकारी जीवन में व्यतीत हुए हमें गर्व है कि ऐसा महान क्रांतिकारी इस भारत भूमि पर जनमा जिससे हम आज भी प्रेरणा ले रहे हैं।
दोस्तों इस लेख में जो कुछ भी आप आज पढ़ेंगे यह सब कुछ आप राम प्रसाद बिस्मिल जी की जीवनी में पढ़ सकते हैं नीचे मैं डाउनलोड का बटन दे दूंगा वहां से आप रामप्रसाद बिस्मिल जी की आत्मकथा डाउनलोड कर सकते हो।
दोस्तों राम प्रसाद बिस्मिल जी की जीवनी हिंदी की सर्वश्रेष्ठ आत्मकथा में से एक मानी जाती है जब आप इसे पढ़ना प्रारंभ करते हैं तो आप जब तक इसे पूरा ना पढ़ले बीच में हटने का मन नहीं करता है।
दोस्तों अपना आत्मचरित्र (आत्मकथा) लिखना कोई आसान काम नहीं है क्योंकि पहले तो अपने आप को पहचानना ही मुश्किल है और फिर पाठकों के सम्मुख अपनी जिंदगी के किन् अंशों को लाना सही है और किन को ना लाना यह निर्णय करना ही कठिन है और इन सबसे अधिक महत्वपूर्ण प्रश्न यह उठता है कि क्या हमारे जीवन में कोई ऐसी विशेष बात भी है जिसका वर्णन किया जाए । ram prasad bismil in hindi pdf
हिंदी तथा अंग्रेजी के अनेक आत्मचरित्र को पढ़ने का अवसर आपको मिला होगा और बिना किसी संकोच के हम कह सकते हैं कि राम प्रसाद बिस्मिल का आत्मचरित्र हिंदी का सर्वश्रेष्ठ आत्मचरित्र है जिन परिस्थितियों में लिखा गया था उनके बीच में से गुजरने का मौका लाखों में एक आद को ही मिल सकता है जरा बिस्मिल जी के इस वाक्य पर ध्यान दीजिए।
‘’ आज 16 दिसंबर 1927 ईस्वी को निम्नलिखित पंक्तियों का उल्लेख कर रहा हूं जबकि 19 दिसंबर 1927 ईस्वी सोमवार (पौष कृष्ण 11 संवत 1984 ) को 6:30 बजे प्रातः काल इस शरीर को फांसी पर लटका देने की तिथि निश्चित हो चुकी है अतः नियत समय पर इहलिला सनवरण करनी होगी ही ’’
और 19 दिसंबर को वंदे मातरम और भारत माता की जय कहते हुए ही फांसी के तख्ते के निकट गए चलते समय वह कह रहे थे।
‘’ मालिक तेरी रजा रहे और तू ही तू रहे,
बाकी ना मैं रहूं, ना मेरी आरजू रहे।
जब तक कि तन में जान, रगों में लहू रहे,
तेरा ही जिक्र या तेरी जुस्तजू रहे। ‘’
तत्पश्चात उन्होंने कहा
“ I wish the downfall of the British Empire.
“ मैं ब्रिटिश साम्राज्य का विनाश चाहता हूं।’’ फिर वह तख्ते पर चढ़े और
“ ओ३म् विश्वानि देव सवितर्दुरितानि परासुव ।
यद् भद्रं तन्न आ सुव’’
मंत्र का जाप करते हुए फंदे से झूल गए ऐसी शानदार मौत जो बिस्मिल को प्राप्त हुई शायद लाखों में किसी एक आध को ही मिल सकती हैं।
अब हम Ram prasad bismil जी के जीवन से जुड़े कुछ सवालों के जवाब भी जान लेते हैं।
राम प्रसाद बिस्मिल की शायरी Ram prasad bismil poems
Ram prasad bismil जी कविताओं शायरी के प्रति अपने प्रेम को व्यक्त करते हुए कहते हैं कि मुझे कविता से कुछ प्राकृतिक प्रेम है अतः नए कवियों की रचना को देखने में मुझे बड़ा आनंद प्राप्त होता है इन रचनाओं में से जिस किसी ने मेरे हृदय पर विशेष प्रभाव डाला उसे मैंने नोट कर कंठस्थ किया।
जब कभी मैंने मित्र मंडली में बैठ कर संग्रह की हुई कविताओं में से एक आध सुनाई है तब सबने यही आग्रह किया है कि ऐसी कविताओं का संग्रह प्रकाशित होना चाहिए क्योंकि यह सब कविताएं ह्रदय पर कुछ विशेष प्रभाव डालती हैं और बड़े-बड़े मुश्किल समय में जादू का काम करती हैं।
Man ki lahar by ram prasad bismil
मन की लहर वह पुस्तक है जिसमें राम प्रसाद बिस्मिल जी के द्वारा लिखी गई संग्रहित की गई कविताएं हैं और यह राम प्रसाद बिस्मिल जी ने लिखी थी।
इस पुस्तक की प्रतिलिपि श्री स्वामी ओमानंद जी बिस्मिल जी की बहन श्रीमती शास्त्री देवी जी के घर ,कोसमा मैनपुरी उत्तर प्रदेश, से लाए थे।
परंतु अब यह पुस्तक कही मिलती नहीं है मेरे पास यह पुस्तक है और मैं कभी इसकी पीडीएफ बनाकर आप सभी को जरूर से भी जरूर दूंगा।
देखिए बिस्मिल जी कविताओं के प्रति अपने प्रेम को व्यक्त करते हुए लिखते है।
मेरा कई बार का अनुभव है जब कभी मैं संसार यातनाओ प्रेमविश्वासियों तथा विश्वास घातियों की चालों से दुखित हुआ हूं और बहुत ही निकट संभव था कि सर्वनाश कर लेता किंतु इन प्राण प्यारी रचनाओं ने ही मुझे धैर्य बनधाकर संसार यात्रा की कठिन राह पर चलने के लिए उत्साहित किया।
उपर्युक्त कारणों से ही मैंने उचित समझा कि अपने ऐसे दुखित भाइयों के आग्रह की पूर्ति कर उनके कष्ट को बटाऊं इसहीलिए यह संग्रह प्रकाशित करता हूं।
राम प्रसाद बिस्मिल जी आगे लिखते हैं मेरे मन में भी जब कोई भाव उमड़े हैं तो मैंने उन्हें कुछ शब्दों में गूंथने का प्रयत्न किया है उनमें से एक दो आपके सामने हैं प्रिय पाठक उनकी त्रुटियों पर कुछ ध्यान ना दीजिए क्योंकि मैं कोई कवी नहीं और ना कविताओं के मर्म को ही जानता हूं मेरा परम विश्वास है कि यह मन की लहरों का संग्रह पाठकों के लिए बड़ा ही मनोरंजक सिद्ध होगा जिसके लिए मैं तथा आप सब रचियताओं के ऋणी रहेंगे।
Ram Prasad Bismil And Ashfaqulla Khan
राम प्रसाद बिस्मिल और अशफाक उल्लाखां की दोस्ती भी बड़ी निराली थी एक बार की बात है दोनों आर्य समाज मंदिर में बैठकर देश की आजादी की चर्चा कर रहे थे तभी शाहजापुर में हिंदू मुसलमानों के दंगे शुरू हो जाते हैं और कुछ मुसलमान आर्य समाज मंदिर की तरफ भी बढ़ चलते हैं।
लेकिन अशफाक उल्ला खां तुरंत दरवाजे से बाहर निकलते हैं और उन सभी मुस्लिमों को धमकाते हुए बोलते हैं कि इस आर्य समाज मंदिर की ईट मुझे अपनी जान से भी ज्यादा प्यारी है यदि तुम लोग अपनी जान बचाना चाहते हो तो यहां से तुरंत निकल जाओ वरना मेरी बंदूक की गोली का निशाना बन जाओगे।
राम प्रसाद बिस्मिल और अशफाक उल्लाखां जैसी दोस्ती आज कहां देखने को मिलती है।
इसी प्रकार एक किस्सा और है एक बार अशफाक उल्ला खान जी बीमार हो गए और उनकी हालत बहुत खराब हो गई बीमार की अवस्था में वह राम राम करते रहे अब घर वालों को समझ में नहीं आया कि आखिर ये राम क्या है तब किसी ने बताया कि यह राम Ram prasad bismil को बोल रहे हैं तब Ram prasad bismil को बुलाया गया तब वह जाकर शांत हुए।
Ram Prasad Bismil Books
मन की लहर तो मैं आगे उसकी वीडियो बनाकर आपको दूंगा लेकिन आप यदि बिस्मिल जी की जीवनी डाउनलोड करना चाहते हैं तो यहां से कर सकते हैं ram prasad bismil booksपंडित राम प्रसाद बिस्मिल की जीवनी
Family Of Ram Prasad Bismil
निष्कर्ष
इस लेख का निष्कर्ष ये है की सभी को बिस्मिल जी की जीवनी पढनी चाहिए और अपना जीवन बदलना चाहिए ब्रह्मचर्य क्या होता है देश धरम क्या होता है संकट के समय कैसे स्थिर खड़े रहते हैं एक महान क्रांतिकारी कैसे योगमार्ग पर भी आगे बाधा प्राणायाम क्या है सब कुछ रामप्रसाद बिस्मिल जी की जीवनी पढने पर आप जानेगे।
शानदार। राम प्रसाद बिस्मिल अमर हैं। PDF के लिए धन्यवाद।
How to overcome girl attraction plz sir vde banao es pr bhi detai m
A big thank u from heart for this wounder full and life changing book jai hind jai bharat
व्यायाम सन्देश chahiye swami Omanand Saraswati ji ka
आभार इस प्रस्तुति के लिए
Bhut bhut dhanaywad or sukriya apko
बहुत ही शानदार प्रस्तुति
बहुत बहुत 🙏धन्यवाद आदरणीय महोदय श्री!
thank you so much
Ghr pe kaise mngwae sir G
You are real Indian.
Thanku so mch sir 😍
नमस्ते भैया जी। मुझे यह पुस्तक इसी प्रकाशन वाली खरीदनी है कृपया मुझे पता बताएं। बनारसी दास चतुर्वेदी
Amit Bhai pdf k liye bohat bohat Dhanyavad….Bismil Ji Amar Rahe….Jai hind Jai Bharat…..🚩🚩🚩🚩
भाई जी मुझे भी खरीदनी हैं मिले तो बताना